Thakur Suraj Bhan(Star Khabre), Chandigarh; 10th August : हरियाणा में करीब 300 करोड़ रुपये के चावल घोटाले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। इससे चावल मिल मालिकों में हड़कंप मच गया है। सरकार ने घोटाला करने वाले राइस मिलर्स पर शिकंजा और कस दिया है। चावल लौटाने में आनाकानी कर रहे 94 राइस मिलर्स पर एफआइआर दर्ज कराने के बाद अब पुलिस को सभी के खिलाफ एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं। साथ ही रिकवरी के लिए प्रॉपर्टी अटैच करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। अब राइस मिलर्स की गिरफ्तारी का दौर भी शुरू होगा।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने वर्ष 2010 से 2015 तक खरीदे गए धान को चावल निकालने के लिए राइस मिलर्स को दिया था। उसमें से मिलर्स ने करीब 115 करोड़ रुपये का चावल नहीं लौटाया। इसी तरह करीब साढ़े 24 करोड़ रुपये का चावल कम दिया गया। पूरे खेल में विभाग के अफसरों की मिलीभगत भी सामने अाई। इसके साथ ही वर्ष 2013-14 में राइस मिलर्स पर सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) 47,352 टन पहुंच गई थी, लेकिन इसकी रिकवरी के प्रयास नहीं हुए।
दो डिफाल्टरों की 11 करोड़ की संपत्ति अटैच, 25 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच करने की प्रक्रिया जारी
सत्ता परिवर्तन के बाद वर्तमान भाजपा सरकार ने सख्ती दिखाई तो डिफाल्टर राइस मिलर्स ने सरकारी चावल लौटाना शुरू कर दिया। नतीजतन वर्ष 2016-17 सीएमआर 1736 टन रह गई। तमाम प्रयासों के बावजूद चावल नहीं लौटाने वाले राइस मिलर्स को डिफाल्टर घोषित कर उनके खिलाफ केस दर्ज कराए गए हैं।
इनमें ज्यादातर मामले वर्ष 2013-14, 2014-15 और 2015-16 के हैं। कुरुक्षेत्र और करनाल में दो राइस मिलर्स की प्रापर्टी अटैच कर करीब 11 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं। वहीं कुरुक्षेत्र में 25 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी अटैच करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
लेटलतीफ राइस मिलर्स को देनी पड़ेगी गारंटी मनी
खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री कर्ण देव कांबोज ने बताया कि करीब 99.3 फीसद सीएमआर की रिकॉर्ड वसूली हो चुकी है। कुछ राइस मिलर्स बकाया सीएमआर नहीं चुका रहे थे जिनके खिलाफ एफआइआर कराई गई है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल से निर्धारित समय में धान से चावल निकालकर दे रहे राइस मिलर्स को गारंटी मनी से छूट देगी। अप्रैल तक सीएमआर नहीं लौटाने वाले राइस मिलर्स से कुल मूल्य की 75 फीसद गारंटी मनी लेने के बाद ही उन्हें धान दिया जाएगा।
साढ़े नौ लाख टन अन्न के भंडारण के लिए बनेंगे साइलोज
अन्न भंडारण के लिए गोदामों की क्षमता साढ़े नौ लाख टन तक बढ़ाने की केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद प्रदेश में साइलोज (स्टील से बने अत्याधुनिक गोदाम) के निर्माण की प्रक्रिया तेज कर दी है। अन्न को बर्बाद होने से बचाने के लिए हैफेड 15,500 टन व वेयरहाउसिंग कारपोरेशन 52,464 टन क्षमता के गोदामों का निर्माण करेगा। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग भोरसैयदा (कुरुक्षेत्र), खरखौदा (सोनीपत) औरं तिगांव (फरीदाबाद) में 89,678 टन क्षमता के गोदाम को नाबार्ड की मदद से बनवाएगा।