Shikha Raghav (Star Khabre), Faridabad; 07th January : हरियाणा में अभी हाल ही में 174 करोड़ रुपए का GST फ्रॉड सामने आया है। हरियाणा के 10 जिलों में GST से संबंधित 44 फर्जीवाड़ों की जानकारी मिली है। जांच में पता चला है कि 1472.48 करोड़ रुपए के फर्जी बिलों से 174.50 करोड़ का टैक्स चोरी किया गया। याद हो कि स्टार खबरें ने 8 मई 2018 को एक खबर GST का गोरखधंधा में बताया था कि फरीदाबाद में अभी ऐसी अनेक फर्म हैं जो करोड़ो रुपए का GST के नाम पर गोरखधंधा कर रही हैं। यदि फरीदाबाद जिले में भी जांच की जाए तो यहां पर इससे भी बड़ा फ्रॉड पकड़ा जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजनाओं और सुधार नीतियों में से एक थी GST। जिसे पूरे देश में जून 2017 से लागू किया गया। यह व्यवस्था एक देश-एक कर के नाम से लागू की गई और इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्र के खजाने से हो रही टैक्स की चोरी पर लगाम लगाना था लेकिन कर चोरों ने इसका भी नया तरीका निकाल लिया और धड़ल्ले से करोड़ो रुपए का टैक्स घोटाला किया जा रहा है। दरअसल GST सरकार द्वारा सभी टैक्स को खत्म करके एक समान टैक्स लगाना था जो कि शुरुआती दौर में अधिकतम 28 प्रतिशत था। अलग-अलग वस्तुओं पर अलग-अलग GST दर वसूल की जाती थी। जिसे बाद में घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया।
44 फर्जीवाड़ों में मिला करोड़ो का फ्रॉड
हरियाणा के 10 जिलों में GST से संबंधित 44 फर्जीवाड़ों की जानकारी मिली है। जांच में पता चला है कि 1472.48 करोड़ रुपए के फर्जी बिलों से 174.50 करोड़ का टैक्स चोरी किया गया। एक्साइज व टैक्सेशन विभाग के अतिरिक्त चीफ सेक्रेटरी संजीव कौशल ने बताया कि वैट के समय प्रदेश में करीब 2.5 लाख फर्म रजिस्टर्ड थीं। वहीं, GST लागू होने के बाद 4.4 लाख फर्म पंजीकृत कराई गईं।
ऐसे हुआ खुलासा
जानकारी के मुताबिक, GST अधिकारियों को नई पंजीकृत फर्म के सत्यापन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जांच के दौरान पता चला कि 44 कंपनियां फर्जी इनवॉइस बनाकर टैक्स चोरी कर रही हैं। ये फर्म सब्जी विक्रेता, झाडू-पोछा करने वाली के नाम पर चल रही थीं। फ्रॉड करने वाली अधिकतर कंपनियां महिलाओं के नाम पर पंजीकृत मिलीं। विभाग ने 13.7 करोड़ का इनपुट टैक्स क्रेडिट ब्लॉक कर दिया है। अधिकारियों का मानना है कि प्रदेश के बाकी जिलों में भी ऐसे मामले सामने आ सकते हैं।
मालिक का नाम है, पर पता नहीं
बता दें कि हरियाणा के हिसार, फतेहाबाद व सिरसा में कॉटन का काम सबसे ज्यादा होता है। इन फर्मों की जांच की गई तो खुलासा हुआ कि फर्जी कागजात के जरिए बिलिंग हुई है। इन फर्मों में 21-22 वर्ष के युवाओं को मालिक दिखाया गया, लेकिन कंपनी के पते पर खेत मिले।
महिला को 5 हजार रु. महीने देकर लिए कागजात
महेंद्रगढ़ में फर्म बना 32.59 करोड़ रु. टैक्स चोरी करने का खुलासा हुआ। रेवाड़ी जिले के रालियावास निवासी चरण सिंह ने निमोठ निवासी पूनम को करीब 5 हजार रुपए महीने देने का लालच दिया। इसके एवज में आरोपी ने महिला का आधार कार्ड, पैन कार्ड समेत अन्य जरूरी कागजात ले लिए। 27 अप्रैल 2018 को पूनम इंडस्ट्रीज के नाम से फर्म रजिस्टर्ड कराने के बाद GST नंबर लिया गया। 4-5 महीने बिल्कुल भी खरीद नहीं दिखाई गई। अक्टूबर, नवंबर से फर्जी तरीके से सीमेंट, सोरटेड बैग, पेपर कॉटन आदि की खरीद-बिक्री दिखा 32.59 करोड़ रुपए का टैक्स चोरी कर लिया गया।
पोंछा लगाने वाली के नाम पर 40.76 करोड़ का फ्रॉड
रोहतक के महम में 40.76 करोड़ की टैक्स चोरी हुई। प्रिया इंडस्ट्रीज नाम की फर्म में यूपी के आगरा की सुमन देवी को मालिक दिखाया गया। सुमन गुडग़ांव की कोठियों में झाड़ू-पोछा लगाती है। उसका कहना है कि उसने अपने कागजात किसी को नहीं दिए।
फरीदाबाद में हो सकता है इससे भी बड़ा फ्रॉड?
स्टार खबरें ने आपको पहले भी 8 मई 2018 को बताया था कि फरीदाबाद में भी ऐसी अनेक फर्मे हैं जो सिर्फ और सिर्फ GST घोटाले के लिए पंजीकृत कराई गई हैं। फरीदाबाद शहर में प्रमुखता से इसका गोरखधंधा एनआईटी 1,2,3,5 व नेहरू ग्रांउड लोहा मंडी में फल फूल रहा है। इसके अतिरिक्त शहर के मुख्य बाजार भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। शहर के कुछ नामी लोग भी इससे शामिल हैं। इनका केवल एकमात्र धंधा GST की फर्जी बिलिंग ही है। हालांकि दिखावे के लिए इन्होंने अपना एक अलग व्यवसाय भी चला रखा है। सूत्रों की माने तो रोहतक, हिसार, फतेहाबाद की तर्ज पर ही फरीदाबाद में भी गरीब और सामान्य लोगों को ही इन फर्जी फर्मों का मालिक दिखाया गया है। उन्हें इस बात की भनक भी नहीं है कि उनके नाम पर सरकार के करोड़ो रुपए के टैक्स की चोरी की जा रही है।
हालांकि विभागीय सूत्रों से पता चला है कि विभाग जल्द ही इस पर कड़े कदम उठाते हुए ऐसी फर्मों की जांच कर सकता है।