Shikha Raghav, Faridabad; 12th January : एनआईटी के मंदिरों का विवाद अदालत पहुंचना कोई नई बात नहीं है। आए दिन यहां किसी न किसी मंदिर का विवाद अदालत में पहुंचा रहता है। फिर चाहे वह एनआईटी मार्किंट नंबर-1 का सिद्धपीठ श्री हनुमान मंदिर हो या फिर सिद्धपीठ श्री महाकाली मंदिर और अब एनआईटी-2बी ब्लॉक हनुमान मंदिर का विवाद भी गर्माते हुए अदालत पहुंच गया है। अदालत में याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि मंदिर के बाहर लगे अस्थाई शैड़ को हटवाया जाए क्योंकि वह अवैध है। अदालत ने इस मामले में मंदिर पक्ष को अपना पक्ष रखने के बुलाया है। अब सोमवार को इस मामले की अदालत में सुनवाई होगाी। वहीं अब इस मामले में ब्लॉक के स्थानीय निवासी मंदिर को बचाने के लिए खुलकर सामने आ गए हैं।
क्या है मंदिर विवाद
एनआईटी-2बी ब्लॉक हनुमान मंदिर विवाद आखिर है क्या पूरा मामला? मंदिर के प्रमुख सेवादार राजेन्द्र सेठी ने बताया कि एनआईटी-2बी ब्लॉक हनुमान मंदिर की नींव तो वर्ष 1990 से पहले ही रखी जा चुकी थी लेकिन मंदिर के हॉल का निर्माण वर्ष 1992 में किया गया जिसका उद्घाटन पूर्व मंत्री ए.सी. चौधरी ने किया था। यह मंदिर क्षेत्र के स्थानीय निवासियों की आस्था का केन्द्र है। समय के साथ क्षेत्र की आबादी भी बढ़ी और मंदिर में भक्तों की संख्या भी लेकिन मंदिर के प्रांगण जगह वहीं की वहीं रही। मंदिर में त्यौहारों पर व समय समय पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें स्थानीय क्षेत्रवासी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेेते हैं। भक्तों की संख्या अधिक होने के कारण अब मंदिर का हॉल छोटा पडऩे लगा और भक्तों का बाहर खुले में बैठना पड़ता था जिस कारण बारिश, सर्दियों व गर्मियों में लोगों को परेशानी होने लगी। भक्तों की परेशानी को देखते हुए स्थानीय निवासियों ने आम सहमति से यह निर्णय लिया कि मंदिर के बाहर एक अस्थाई शैड़ डाल दिया जाए ताकि भक्त मंदिर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बारिश, गर्मियों में धूप व सर्दी से बच सके। आम सहमति से लिए गए निर्णय के बाद स्थानीय निवासियों ने अस्थाई शैड़ डालने का काम शुरू किया लेकिन कुछ चंद लोगों ने इस पर आपत्ति जता दी और मंदिर में अस्थाई शैड़ के निर्माण को डालने से रोकने का प्रयास किया। विवाद इतना अधिक बढ़ गया कि वीरवार रात को करीब साढ़े 10 बजे मंदिर प्रांगण में झगड़ा होने लगा। विवाद अधिक होने के कारण पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। स्थानीय निवासियों की माने तो वीरवार रात को मंदिर का विरोध करने वालो में मनिन्द्रर सिंह, मोहित रतरा, पंकज अरोड़ा, सरदार बिट्टू सिंह, विजय कालरा, देवेन्द्र नागपाल, साहिल नागपाल, टोनी कथूरिया, राजीव नागपाल, केदार नागपाल शामिल हैं। जबकि मंदिर के पक्ष में पूरा ब्लॉक खड़ा था।
विवाद पहुंचा अदालत
अब यह मंदिर का विवाद अदालत जा पहुंचा है। महिन्द्र सिंह, मोहित रत्रा, और पंकज अरोड़ा ने अदालत में एक याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने मंदिर, नगर निगम और पुलिस को पार्टी बनाया है। अब सोमवार को इस मामले की अदालत में सुनवाई होनी है।
शनिवार को मंदिर में स्थानीय लोगों ने इसी विषय पर एक बैठक का आयोजन किया और निर्णय लिया गया कि अदालत में वह भी अपना पक्ष रखेंगे कि मंदिर में कोई स्थाई निर्माण नहीं किया गया है बल्कि मंदिर में एक अस्थाई रूप से एक शैड़ की व्यवस्था की गई है ताकि भक्तो को बारिश, धूप से बचाया जा सके। बैठक में आज दलीप कथूरिया, किशन भूटानी, अमरनाथ गेरा, मनी रंगीला, राकेश कथूरिया, पवन झाम, मनोहर लाल शर्मा, सोमनाथ ग्रोवर, इन्द्रर चावला, मेघराज, तरूण चावला, सुनील सेठी, सुरेन्द्र कालरा, विनोद विरमानी, कुलदीप झाग, चिराम झाम, चिराग चावला, सुदेश चावला, रजनी आहुजा, मेघा कपूर, मंजू सेठी, मंजीत दुआ, संगीता कथूरिया, अंजू चावला सहित अनेक लोग मौजूद थे।