Star Khabre, Faridabad; 28th March : विधायक और महिला नेत्री मामले में राजनैतिक दबाव के चलते पत्रकारों की गिरफ्तारी अब पुलिस पर भारी पड़ सकती है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने तत्कालीन डीजीपी बी.एस. संधू, फरीदाबाद के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अमिताभ ढिल्लो (वर्तमान आई.जी.हिसार), तत्कालीन डीसीपी क्राईम सुखबीर सिंह पहलवान (मौजूदा एसपी विजिलेंस गुरूग्राम), फरीदाबाद के तत्कालीन क्राईम ब्रांच सैक्टर-30 प्रभारी इंस्पेक्टर संदीप मोर सहित गिरफ्तारी टीम में शामिल रहे पुलिस कर्मचारियों से नोटिस कर जबाव मांगा है। पत्रकारों ने पुलिस अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना करने के आरोप में कोर्ट में घसीटा है।
गौरतलब है कि 15 अप्रैल, 2018 को उपरोक्त पत्रकारों ने अपने-अपने ऑनलाईन वेब न्यूज पोर्टल पर एक विधायक व एक नेत्री के मामले को लेकर खबर प्रसारित की थी। इनके न्यूज पोर्टल में उक्त खबर प्रसारित होने से पहले यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था और शहरभर में खासी चर्चा का विषय बना हुआ था। वेब पोर्टल में यह खबर प्रसारित होने के बाद एक महिला नेत्री की शिकायत पर फरीदाबाद पुलिस ने राजनैतिक दबाव में 16 अप्रैल, 2018 को तीनों पत्रकारों के खिलाफ बिना किसी जांच के मुकदमा दर्ज कर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवेहलना करते हुए कार्रवाई की। मामला दर्ज होने के बाद कई दिनों तक भाजपा नेत्री को मनाने का दौर चलता रहा। भाजपा नेत्री को मनाने के लिए भाजपा जिलाध्यक्ष, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सहित कई भाजपा नेताओं ने प्रयास किया। अतत: इसमें मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप करना पड़ा लेकिन भाजपा नेत्री ने इस मामले में पीछे हटने से मना कर दिया। सूत्र बताते हैं कि मामला दर्ज होने के लगभग 15 दिन तक जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो भाजपा नेत्री भाजपा के एक मंत्री और आठ विधायकों सहित मुख्यमंत्री से मिली और उसके बाद 3 मई 2018 को फरीदाबाद सीआईए की 3 टीम उक्त एफआईआर में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए निकल पड़ी। लगभग 12 बजे सबसे पहले चंडीगढ़ शहर से एफआईआर के एक आरोपी को गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर सीआईए ने तीन पत्रकारों को हिमाचल के ऊना जिले से शाम लगभग 6 बजे के करीब गिरफ्तार कर लिया।
अब तीनों पत्रकारों ने अपने वकील एस.एस. बराड़, पवन सांखला व ललित सांखला के माध्यम से हाईकोर्ट में गुहार लगाई। हाईकोर्ट की माननीय न्यायाधीश निर्मलजीत कौर की अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता एस.एस. बरार, पवन सांखला एवं ललित सांखला ने पेश होकर उक्त मामले में तीनों पत्रकारों का पक्ष रखा। उक्त याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि एक समाचार प्रसारित करने पर गैर-कानूनी तरीके से फरीदाबाद पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकार नवीन धमीजा, संजय कपूर एवं नवीन गुप्ता के खिलाफ आईटी एक्ट 67ए, 354डी एवं 499 के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया जबकि तीनों पत्रकारों द्वारा प्रकाशित खबरों में किसी व्यक्ति, महिला एवं राजनैतिक दल का नाम तक नहीं था। इसके बावजूद पुलिस ने बिना किसी जांच के ही मुकदमा दर्ज कर उन्हें अनैतिक तौर से सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उल्लंघना कर हिमाचल प्रदेश के ऊना से उस समय गिरफ्तार किया, जब ये तीनों पत्रकार धार्मिक स्थल पर जा रहे थे।
हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा के तत्कालीन डीजीपी बी.एस. संधू, फरीदाबाद के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अमिताभ ढिल्लो (वर्तमान आई.जी.हिसार), तत्कालीन डीसीपी क्राईम सुखबीर सिंह पहलवान (मौजूदा एसपी विजिलेंस गुरूग्राम), फरीदाबाद के तत्कालीन क्राईम ब्रांच सैक्टर-30 प्रभारी इंस्पेक्टर संदीप मोर सहित गिरफ्तारी टीम में शामिल रहे सब-इंस्पेक्टर रविन्द्र सिंह, एएसआई अनूप तथा हवलदार राजीव नामक पुलिस कर्मचारियों को व्यक्तिगत नोटिस जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने इन सभी पुलिस अधिकारियों से 23 मई, 2019 तक जवाब मांगा है कि क्यों ना तुम्हारे खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उल्लंघना करने के आरोप में अवमानना करने की कार्रवाई की जाए।