Star Khabre, Faridabad; 3rd September : पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस में रहेंगे या नहीं इसका फैसला 3 सितंबर को दिल्ली के विट्ठल भाई पटेल हाउस में बैठने वाली कमेटी लेगी। सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि इस बैठक में फैसला नहीं होगा, क्योंकि हुड्डा कांग्रेस हाईकमान को समय देना चाहते हैं। इसलिए इस बैठक के बाद एक बैठक और होगी, जिसमें कोई निर्णय लिया जाएगा। आगामी बैठक भी जल्द होगी, क्योंकि विधानसभा चुनाव बिल्कुल सिर पर आ गए हैं। कभी भी आचार संहिता लग सकती है।
सुबह 11 बजे होने वाली यह अहम बैठक लंबी खिंच सकती है, क्योंकि बैठक में कमेटी के 35 सदस्यों के साथ बाद में शामिल किए गए विशेष आमंत्रित सदस्यों को भी बुलाया गया है। एक दिन पहले ही तय हुई इस मीटिंग पर कांग्रेस हाईकमान से लेकर प्रदेश कांग्रेस और विपक्ष की भी नजर है, क्योंकि हुड्डा के समर्थक विधायकों की ओर से उन्हें जल्द ही पार्टी छोड़ने या कोई दूसरा कदम उठाए जाने का दबाव बनाया जा रहा है।
यही वजह रही थी कि उन्होंने 18 अगस्त की रोहतक रैली में स्पष्ट कहा था कि अब की कांग्रेस पहले वाली नहीं रही। इसलिए वे सभी बंधन तोड़कर पहुंचे हैं और कमेटी जो निर्णय करेगी, वह उन्हें मान्य होगा। इसके बाद वे कांग्रेस की अंतरित अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर हरियाणा प्रभारी गुलाम बनी आजाद से मिलकर अपनी बात रख चुके हैं, लेकिन अभी तक पार्टी कोई निर्णय नहीं ले पाई है। ऐसे में कमेटी की उनके आवास पर पहली बैठक अहम होने वाली है।
सूत्रों का कहना है कि हुड्डा इस बैठक में पहले पार्टी नेताओं के साथ उनकी हुई मुलाकात का ब्योरा विस्तार से रखेंगे। इसके बाद कमेटी सदस्यों की राय भी जानेंगे। बताया गया कि हुड्डा इसके अलावा कमेटी सदस्यों से भी अलग-अलग बंद कमरे उनकी राय पूछेंगे, ताकि कोई भी निर्णय लेने से पहले उनकी मन की बात जान लें और उनकी ओर से लिए फैसले मे पूरा साथ दिए जाने का वादा भी उनसे ले लें, ताकि यदि पार्टी को अलविदा कहने का भी फैसला लेना पड़े तो सभी सदस्य उनके साथ रहे। बताया गया कि हुड्डा मंगलवार को मीटिंग के बाद हाईकमान को कुछ और समय दे सकते हैं।
कमेटी में हो गए 100 सदस्य, दूसरी सूची नहीं की सार्वजनिक
हड्डा की ओर से पहले एचएस चट्ठा की चेयरमैनी में 33 सदस्यों की कमेटी गठित की थी, लेकिन कुछ घंटे बाद ही तीन और सदस्य जोड़ दिए, लेकिन बल्लभगढ़ से पूर्व विधायक शारदा राठौर के भाजपा में शामिल होने पर कमेटी में 35 सदस्य रह गए। सूची जारी होने के बाद कई सीनियर साथियों ने नाराजगी जताई, क्योंकि उनके इलाके के दूसरे नेताओं के नाम कमेटी सदस्यों की सूची में आ चुका था और उन्हें दरकिनार किया। ऐसे में विशेष आमंत्रित सदस्य और बनाकर कुल संख्या 100 तक पहुंच गई। हालांकि आमंत्रित सदस्यों की सूची सार्वजनिक नहीं की गई, जिन्हें सदस्य बनाया गया, उन्हें कॉल करके सूचना दी गई।