Star Khabre, Faridabad; 16th September : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने असम की तरह ही हरियाणा में एनआरसी लागू करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र पर हरियाणा सरकार तेजी से कार्य कर रही है। इसके आंकड़ों का उपयोग राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर में भी किया जाएगा। दूसरी ओर, खट्टर के इस बयान पर कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो भी कहा है, वह पहले से ही कानून में है। विदेशियों को राज्य से बाहर जाना होगा। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि विदेशियों को पहचान करे।
राज्य में महा जनसंपर्क अभियान के तहत खट्टर रविवार को पंचकूला में हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग के पूर्व चेयरमैन न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एचएस भल्ला के आवास पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा ‘राज्य में कानून आयोग का गठन करने पर भी विचार किया जा रहा है। न्यायमूर्ति एचएस भल्ला सेवानिवृत्ति के बाद भी एनआरसी डेटा का अध्ययन करने के लिए असम जा रहे हैं। उनका यह डेटा राज्य में स्थापित किए जाने वाले एनआरसी के लिए उपयोगी होगा।’ स्वैच्छिक विभाग का गठन भी किया जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हरियाणा में सोशल ऑडिट सिस्टम भी लागू होगा। इसके तहत समाज के बुद्धिजीवी विकास कार्यों का ऑडिट कर सकेंगे। इसमें रिटायर्ड लोगों, अध्यापकों, इंजीनियरों और विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। महा जनसंपर्क अभियान के बारे में उन्होंने ने बताया कि इसका उद्देश्य सरकार द्वारा पिछले पांच वर्षों के दौरान किए गए कार्यों की जानकारी लोगों तक पहुंचाना है।’ मनोज तिवारी ने दिल्ली में एनआरसी लागू करने की मांग की थी
असम में एनआरसी की अंतिम सूची 31 अगस्त को जारी कर दी गई थी। सूची में 19 लाख 6 हजार 657 लोग बाहर थे। इसमें वे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने कोई दावा पेश नहीं किया था। 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार 4 लोगों को वैध करार दिया गया है। असम में एनआरसी की सूची जारी होने के बाद दिल्ली भाजपा प्रमुख और सांसद मनोज तिवारी ने राष्ट्रीय राजधानी में भी एनआरसी लागू करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि अवैध रूप से दिल्ली आकर रह रहे लोगों के चलते राजधानी में स्थिति ठीक नहीं है।