Star Khabre, Faridabad; 17th September : बुड़ैल जेल में बन रहे खाने की क्वालिटी को लेकर दायर एक याचिका पर सोमवार को जेल डिपार्टमेंट ने रिप्लाई फाइल कर दिया है। जेल डिपार्टमेंट की ओर से एचसीएस ऑफिसर विराट ने जवाब दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि जेल में बने खाने की प्रॉपर जांच की जाती है जिसके बाद ही उसे आंगनबाड़ियों और क्रेच में सप्लाई किया जाता है।
रामदरबार के रहने वाले जोगिंदर ने कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि बुड़ैल जेल में आए दिन नशा पकड़े जाने की खबरें मिलती हैं और वहां संगीन मामलों में शामिल रहे अपराधी हैं। ऐसे में वहां जो खाना बन रहा है वह सुरक्षित नहीं है।
इस पर जेल डिपार्टमेंट ने अपने जवाब में कहा कि वे सिर्फ उन्हीं कैदियों से खाना बनवा रहे हैं जिनका व्यवहार अच्छा होता है। उन कैदियों का बकायदा मेडिकल एग्जामिनेशन भी करवाया जाता है। डिपार्टमेंट ने कहा कि जेल में सजा काट रहे हर कैदी को काम देने की जिम्मेदारी जेल प्रशासन की होती है।
इसका मकसद ये होता है कि जब वे जेल से बाहर निकले तो वे अपना गुजारा चला सकें। इसके अलावा जेल में ही मिठाइयां भी बनाई जा रही हैं जोकि सेक्टर-22 के एक शोरूम में सप्लाई की जाती है। लिहाजा डिपार्टमेंट ने कोर्ट से मांग की है कि जोगिंदर की ओर से फाइल की गई याचिका को खारिज किया जाए।
जेल में प्रोफेशनल कुक सिखाते हैं खाना बनाना
जेल डिपार्टमेंट ने कहा कि प्रशासन ने 100 आंगनबाड़ियों और 45 क्रेच में जेल में बना खाना सप्लाई करने के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। इसके लिए जेल में दो प्रोफेशनल कुक अपॉइंट किए गए हैं जोकि यहां के कैदियों को खाना बनाना सिखा रहे हैं। इसके लिए बकायदा हेल्थ डिपार्टमेंट से फूड लाइसेंस भी लिया गया।
इसके अलावा खाने को सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट के सुपरवाइजर की ओर से चेक भी किया जाता है जोकि रोजाना जेल की विजिट करते हैं। जेल डिपार्टमेंट का कहना है कि आंगनवाड़ी रसोई को जेल से बाहर शिफ्ट करने की प्लानिंग है जिसके लिए प्रपोजल बनाया गया है। जीएमसीएच-32 से एक डायटिशियन हर हफ्ते फूड क्वालिटी को चेक करने के लिए जाते हैं।