Star Khabre, Faridabad; 24th September : आरटीआई से खुलासा हुआ है कि सात महीने पहले खट्टर सरकार राज्य युवा आयोग गठित करके इसे चलाना भूल गई है। बिना किसी काम के युवा आयोग के चेयरमैन यादवेन्द्र संधू को लाखों रूपये मासिक भुगतान किया जा रहा है। जबकि पिछले सात महीने में आयोग एक भी गतिविधि नहीं कर पाया। इसका गठन युवाओं के सशक्तिकरण के लिए किया गया था। यादवेन्द्र संधू शहीद भगत सिंह के पोते हैं।
पानीपत के आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया कि हरियाणा राज्य युवा आयायेग की गतिविधियों बारे उन्होंने गत 16 जुलाई को आरटीआई लगाई थी। इसके जवाब में खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के उपनिदेशक ने अपने 20 अगस्त व 10 सितंबर के पत्रों द्वारा चौंकाने वाली सूचना भेजी है। प्राप्त सूचना में बताया गया है कि गत सात मार्च को यादवेन्द्र संधू को चेयरमैन व दस अधिकारियों को आयोग का सदस्य नामित किया गया। सात मार्च से आयोग ने ना तो कोई गतिविधि की है ना ही कोई खर्च किया है। जबकि आयोग के चेयरमैन यादवेन्द्र संधू को रूपये 2,88,656/- मानदेय व रूपये 2,40,323/- आवास भत्ता सहित कुल रूपये 5,28,979/- का भुगतान मार्च 2019 उसे 31 जुलाई 2019 की अवधि का किया गया है। आयोग का गठन प्रदेश में युवाओं के सशक्तिकरण के लिए किया गया था। आयोग के लिए 65 लाख रूपये का बजट प्रस्ताव भी सरकार के पास विचाराधीन है। आयोग का अपना कोई निजि स्टाफ भी नहीं है। खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग (मुयालय) में नियुक्त दो कर्मचारियों की ड्यूटी अपने वर्तमान कार्य के साथ-साथ आयोग कार्यालय के कार्य के लिए भी लगा रखी है।
आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने आरोप लगाया कि इस आरटीआई खुलासे से स्पष्ट है कि खट्टर सरकार प्रदेश के युवाओं के सशक्तिकरण के प्रति संवेदनहीन है। शहीद भगत सिंह के पौते को आयोग का चेयरमैन भाजपा सरकार ने अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए बनाया है।