Latest :
फरीदाबाद में ईवीएम, बीयू, सीयू, वीवीपैट अलॉटमेंट की रेंडमाइजेशन प्रक्रिया का हुआ आज वीरवार को पहला चरणनिर्वाचन आयोग की हिदायतों के बेहतर क्रियान्वयन पर मतदान करवाने में गलती को कोई गुंजाइश नहींवर्ष 2015 से भगोड़ा चल रहे आरोपी को थाना शहर बल्लभगढ़ की टीम ने किया गिरफ्तार।डीसीपी एनआईटी कुलदीप सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने मतदान जागरूकता स्लोगन के साथ पैदल मार्च निकालकर लोगों को मत अधिकार का बढ़ चढ़कर उपयोग करने के लिए किया जागरूकधार्मिक हूं लेकिन धार्मिक काम के लिए दान नहीं Vidya Balan ने क्यों दिया ये बयान? नामदार सदियों से कामदार को गाली देते आए हैं, लोगों को गुस्सा नहीं होना चाहिए', PM का राहुल गांधी पर निशानारोहतक सीट से नहीं लड़ेंगे दीपेंद्र, भूपेंद्र हुड्डा के नाम की चर्चा! लिस्ट में होंगे चौंकाने वाले नामभारत में लॉन्च हुई 2025 Aston Martin Vantage, 3.99 करोड़ रुपये है कीमतडेढ़ साल के बच्चे को पानी के टैंकर ने कुचला, मौतघर बैठे कमाई के चक्कर में शख्स ने बच्चों की पढ़ाई और शादी की रकम गंवाई
Haryana

हुड्डा शासन काल में लोकसम्पर्क विभाग में 89 करोड़ रूपये का फर्जीवाड़ा उजागर

November 12, 2019 05:52 PM

Star Khabre, Faridabad; 12th November : महालेखाकार (ऑडिट) की जॉंच रिपोर्ट में वर्ष 2013 में हुड्डा शासन काल में लोकसम्पर्क विभाग के 89 करोड़ रूपये की वित्तीय अनियमिताएं व फर्जीवाड़ा सामने आया है। लोकायुक्त ने अपनी जांच में तत्कालीन सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को क्लीन चिट दी है। लेकिन लोकसम्पर्क विभाग के तत्कालीन महानिदेशक सुधीर राजपाल के विरूद्ध गंभीर टिप्पणी की है। लोकायुक्त ने अपने आदेशों में सरकार से विज्ञापनों पर धन खर्चने की पारदर्शी व स्पष्ट निति बनाने की सिफारिश की

लोकायुक्त जस्टिस एन के अग्रवाल ने सरकारी विज्ञापनों पर धन खर्च करने बारे पारदर्शी व स्पष्ट पद्धति तय करने की सरकार को सिफारिश करते हुए तीन माह में रिपोर्ट तलब की है। लोकायुक्त ने अपने 22 अक्तुबर के आदेश में  कहा कि  घपले की रिपोर्ट कैग के माध्यम से राज्यपाल को जाने के उपरांत विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत होगी। लोकसम्पर्क विभाग के स्पष्टीकरण से संतुष्ट न होने की स्थिति में ही सरकार द्वारा उचित कारवाई हो सकती है। 

क्या है मामला

आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने वर्ष 2013 में भूपेन्द्र सिंह हुड्डा सरकार के दौरान नम्बर वन हरियाणा व सबसे आगे हरियाणा के विज्ञापनों में पूंजी निवेश व रोजगार के दिए आंकड़ो को निराधार बताते हुए लोकायुक्त को दिनांक 26 सितम्बर 2013 को शिकायत की थी। आरोप लगाया था कि इन विज्ञापनों में दिए गए आंकड़े फर्जी हैं। इन भ्रामक विज्ञापनों पर सार्वजनिक धन का करोड़ों रूपया फूंक कर तत्कालीन सीएम हुड्डा अपनी छवि चमका रहे हैं। कपूर ने इनके विरूद्ध आपराधिक केस दर्ज कराने की मांग की थी। 

लोकायुक्त जांच में पाया गया विज्ञापनों में किए गए पूंजी निवेश व रोजगार देने के भारी भरकम आंकड़ों के बारे में लोकसम्पर्क अधिकारी कोई लिखित आधार पेश नहीं कर पाए।

लोकायुक्त ने महालेखाकार प्रिंसिपल अकाउंट जनरल (ऑडिट) हरियाणा को कपूर की शिकायत भेजकर रिपोर्ट तलब कर पूछा था कि लोकसम्पर्क विभाग ने जो खर्च किया है वह नियमानुसार है या नहीं। लोकायुक्त ने महालेखाकार से रिपोर्ट मिलने पर महानिदेशक लोकसम्पर्क विभाग हरियाणा से इस रिपोर्ट पर जवाब तलब किया गया। इसके साथ ही लोकसम्पर्क विभाग से इन विज्ञापनों की फाइल नोटिंग मांगी गई तो विभाग ने बताया कि मूल रिकार्ड नष्ट कर दिया गया। हालांकि शपथ पत्र सहित छाया प्रति पेश कर दी। इसके पश्चात 7 जून 2019 को लोकायुक्त को दी अपनी नवीनतम रिपोर्ट में पाया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने अपने अधिकार व प्राप्त शक्तियों के तहत ही विज्ञापन प्रकाशित कराने के आदेश दिए थे। अत: तत्कालीन सीएम हुड्डा के विरूद्ध कारवाई नहीं बनती। लेकिन लोकसम्पर्क विभाग के अधिकारियों से यह अपेक्षा नहीं बनती कि वे विज्ञापन प्रकाशित कराने की निर्धारित सामान्य प्रक्रिया को नजरअंदाज करके विज्ञापन प्रकाशित कराये। तत्कालीन महानिदेशक लोकसम्पर्क सुधीर राजपाल को यह सुनिश्चित करना था कि विज्ञापनों पर खर्च निर्धारित मापदंडो के अनुरूप है। लोकायुक्त रजिस्ट्रार ने लोकायुक्त को अपनी रिपोर्ट में सूचित किया कि ऑडिटर जनरल के संदेहों का स्पष्टीकरण लोकसम्पर्क विभाग ने दे दिया है। लेकिन इस स्पष्टीकरण को प्रिंसिपल ऑडिटर जनरल द्वारा स्वीकार करने का कोई प्रमाण नहीं दिया है। ऑडिटर जनरल की इस ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर लोकसम्पर्क विभाग के तत्कालीन महानिदेशक सुधीर राजपाल व अन्य दोषी अधिकारियों के खिलाफ कारवाई की अनुशंसा की जानी चाहिए। लोकायुक्त जस्टिस एन0के0 अग्रवाल ने पूरे केस की सुनवाई उपरांत 22 अक्टूबर को इस केस का फैसला किया। लोकायुक्त जस्टिस एनके अग्रवाल ने इस फैसले में लिखा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा द्वारा लिए गए नीतिगत निर्णय के सही व प्रभावी क्रियान्वन ना किए जाने के अधार पर तत्कालीन सीएम हुड्डा या लोकसम्पर्क विभाग को ड्यूटी से लापरवाही का दोषी नहीं ठहराया जा सकता। 

सरकारी नीतियों के क्रियान्वन के दौरान विज्ञापनों के प्रकाशन के लिए पारदर्शी प्रक्रिया हर प्रकार के संदेहों के उन्मूलन के लिए आवश्यक है। लोकायुक्त ने सरकारी विज्ञापनों के प्रकाशन पर धन खर्च करने बारे स्पष्ट व पारदर्शी पद्धति तय करने की सिफारिश करते हुए की गई कारवाई रिपोर्ट तीन माह मे हरियाणा सरकार से तलब की है। 

महालेखाकार (ऑडिट) हरियाणा ने यह धांधलियां बताई:

1. गैर सूचिबद्ध समाचार पत्रों को 8,76,00000/- रूपये के विज्ञापन

2. 14 गैर सूचिबद्ध समाचारपत्रों में विज्ञापन से 20.52 लाख रूपये का नुकसान

3. हरियाणा विज्ञापन नीति/नियम एवं दिशा निर्देश-2007 व वित्तीय नियमावली की उल्लंघना करके 2.35 करोड़ रूपये खर्च किए।

4. संवाद सोसाइटी के गठन पर 14.07 करोड़ रूपये खर्च करके व्यर्थ किए जबकि यह कार्य विभाग की उत्पादन एवं कला शाखा द्वारा किया जा रहा था।

5. मीडिया सलाहकारों की नियुक्ति करके 1.88 करोड़ रूपये व्यर्थ किए।

6. छह वातानुकूलित कारें होने के बावजूद वातानुकूलित टैक्सी के किराए पर 26.68 लाख रूपये व्यर्थ किए।

7.  सरकारी वाहनों से शनिवार व रविवार छुट्टी के दिन सैर सपाटे व यात्राएं करके 20 लाख रूपये फालतू खर्च किए।

8. अनाधिकृत अधिकारियों को कारें अलॉट करके 1.67 लाख रूपये का नुकसान।

9.  एक ही अधिकारी को दो अलग-अलग कारें अलॉट कर दी।

10. पत्रकारों को तोहफे बांटने में 87 लाख रूपये का अवैध खर्च।

11. पत्रकारों को सरकारी आवास देकर सरकार को 30 करोड़ 45 लाख रूपये की चपत। लाइसेंस शुल्क भी नहीं वसूल किया। 

12. स्टेट अवार्डस पर 14.06 लाख रूपये का फालतू खर्च।

13. अनाधिकृत अधिकारियों/कर्मचारियों को 20.11 करोड़ रूपये आवासीय भत्ता का भुगतान।

14.  हरियाणा कला परिषद् के स्टाफ के वेतन में 6.90 करोड़ रूपये का अवैध भुगतान।

15.  2.96 करोड़ रूपये सीसीटीवी कैमरों की खरीद पर व्यर्थ किए, कैमरे लगाए ही नहीं।

16. स्टाफ की अनियमित समावेश।

17. हरियाणा कला परिषद् के विज्ञापनों पर 1.04 लाख रूपये का नुकसान। पेमेंट 15 प्रतिशत डिस्काउंट के बाद भुगतान करना था। डिस्काउंट नहीं किया।

18. किताबें जारी करने में धांधली, कई किताबें वापिस नहीं मिली।

19. सरकारी खातों से बाहर ग्रान्ट रखी गई।

20. 0.28 लाख रूपये का फालतू भुगतान।

 

 
Have something to say? Post your comment
More Haryana

रोहतक सीट से नहीं लड़ेंगे दीपेंद्र, भूपेंद्र हुड्डा के नाम की चर्चा! लिस्ट में होंगे चौंकाने वाले नाम

भ्रष्टाचार मामले में JJP नेता दुष्यंत पर अब मनोहर वार, सीएम सैनी और अभय चौटाला पहले ही दे चुके हैं बयान

हरियाणा के लिए कांग्रेस की लिस्‍ट जारी, रोहतक से आशा हु्ड्डा उम्‍मीदवार

हरियाणा में पशु चारा जलकर राख, खराब गाड़ियों के सहारे आग बुझाने पहुंचा दमकल विभाग, लाखों का हुआ नुकसान

हरियाणा कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवारों की सूची तय, सब कमेटी ने रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपी

पहले लूटा कैश और मोबाइल, फिर उतारा मौत के घाट...कुछ दिनों में विदेश जाने वाला था मृतक

हम ड्रग्स को बर्दाश्त नहीं करेंगे...अधिकारी कर रहे हैं सख्त कार्रवाई', मुख्यमंत्री मनोहर लाल बोले

आचार संहिता में तस्करी कर लाई शराब के साथ रुपये भी बरामद, खरखौदा में पकड़ा गया शराब का जखीरा

प्रदेश के आठ शहरों में ओलावृष्टि के आसार, सभी जिलों में बारिश की संभावना

हरियाणा कांग्रेस आज करेगी प्रत्याशियों के नाम फाइनल, भूपेंद्र हुड्‌डा नहीं लड़ेंगे चुनाव; सैलजा-श्रुति रण के लिए तैयार

 
 
 
 
 
 
Grievance Redressal Disclaimer Complaint
Star Khabre
Email : editor@starkhabre.com
Email : grostarkhabre@gmail.com
Copyright © 2017 Star Khabre All rights reserved.
Website Designed by Mozart Infotech