Star khabre, Faridabad ; 13th November : सुप्रीम काेर्ट के चीफ जस्टिस का कार्यालय आरटीआई कानून के दायरे में है या नहीं, इस पर सुप्रीम काेर्ट के पांच जजाें की संविधान पीठ बुधवार काे फैसला सुनाएगी। चीफ जस्टिस रंजन गाेगाेई की अध्यक्षता वाली पीठ का फैसला दाेपहर 2 बजे आएगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सीजेआई के पद को आरटीआई कानून की धारा 2(एच) के तहत ‘पब्लिक अथॉरिटी’ करार दिया था।
इसके बाद सुप्रीम काेर्ट के सेक्रेटरी जनरल और जनसूचना अधिकारियाें ने 2010 में दिल्ली हाईकाेर्ट और केंद्रीय सूचना आयाेग के आदेशाें के खिलाफ याचिका दायर की। शीर्ष अदालत ने सुनवाई के बाद इसी साल 4 अप्रैल काे फैसला सुरक्षित रखा था। तब कोर्ट ने कहा था कि काेई भी अस्पष्टता का सिस्टम नहीं चाहता।
आरटीआई के तहत सीजेआई से जानकारी मांगी गई
दरअसल, सुभाष चंद्र अग्रवाल ने आरटीआई के तहत सीजेआई से जानकारी मांगी थी। हाईकोर्ट में उनके वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि आरटीआई कानून आने से पहले भी अदालत ने अपने फैसलों के जरिए पारदर्शिता का समर्थन किया है। उन्होंने कहा था- जब भी न्यायिक कार्रवाई में पारदर्शिता का मामला आया, तो अदालत का रुख साफ नहीं रहा।
सीजेआई रिटायरमेंट से पहले इस मामले में फैसला सुनाएंगे
इस मामले की सुनवाई करने वाली पांच जजों की संविधान पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल हैं। 17 नवंबर को सीजेआई के रिटायरमेंट से पहले वे इस मामले में फैसला सुनाएंगे।