Star khabre, Faridabad ; 26th November : महाराष्ट्र में चल रहे सियासी रस्साकशी को लेकर आज सभी दलों की नजरें उच्चतम न्यायालय के फैसले पर टिकी हुई हैं। माना जा रहा है कि अदालत बहुमत परीक्षण को लेकर कोई फैसला सुना सकती है। वहीं देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की चुनौती अपनी सरकार बचाने की है। उन्होंने अपनी सत्ता बचाने के लिए कई तरह की रणनीति बनाई है। वहीं शरद पवार ने सोमवार को विधायकों से साफ शब्दों में कहा है कि अजित का भाजपा के साथ सरकार बनाने का फैसला पार्टी का नहीं है और उन्हें व्हिप जारी करने का कोई अधिकार नहीं है। इसी बीच एनसीपी ने जयंत पाटिल को विधायक दल का नेता चुना है और इससे संबंधित चिट्ठी विधानसभा को सौंपी है। हालांकि विधानसभा सचिव का कहना है कि उन्हें पत्र मिला है लेकिन फैसला स्पीकर को करना है।
विधायक दल के नेता पर स्पीकर लेंगे फैसला
महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय के सचिव राजेंद्र भागवत का कहना है कि विधानसभा सचिवाल को एक पत्र मिला है जिसमें दावा किया गया है कि जयंत पाटिल एनसीपी विधायक दल के नेता हैं। लेकिन इसका फैसला स्पीकर को लेना है। अज इसका निर्णय नहीं हुआ है।
फडणवीस सरकार के खिलाफ दूसरी याचिका दाखिल
शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट मे फडणवीस सरकार के फैसलों पर रोक लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय में अर्जी दाखिल की है। जिसमें बहुमत परीक्षण होने तक नीतिगत फैसलों पर रोक और अजित पवार को एसीबी से मिली क्लिनचिट के खिलाफ याचिका दाखिल की है।
जयंत पाटिल की चिट्ठी का विरोध करेंगे अजित पवार
भाजपा नेता आशीष शेलार का कहना है कि वह जयंत पाटिल की चिट्ठी का अजित पवार विरोध करेंगे। खुद राज्यपाल कोश्यारी ने अजित को विधायक दल का नेता माना है। कल उच्चतम न्यायालय ने आपत्ति खारिज की थी कि अजित विधायक दल के नेता नहीं हैं।
कोश्यारी से मिले फडणवीस
महाराष्ट्र मामले पर उच्चतम न्यायालय मंगलवार सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाने वाला है। इससे पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। यह मुलाकात 26/11 मुंबई हमलों की 11वीं बरसी पर श्रद्धांजलि से पहले हुई है।