Star khabre, Faridabad ; 27th November : हरियाणा के गांवों में शराबबंदी को लेकर आखिरकार विधानसभा में संशोधन बिल पास हो ही गया। इसके साथ ही सदन में गांवों की पहल के बाद शहरों में भी शराबबंदी की आवाज बुलंद हो गई है। कुछ विधायकों ने यह बात उठाई कि यदि गांवों में दस फीसद वोटर अपने गांव से शराब का ठेका बाहर करवा सकते हैं, तो शहरों की कालोनियों व मोहल्लों में ऐसा क्यों नहीं हो सकता।
सरकार इस दिशा में क्यों नहीं सोचती है। इस पर पंचायत, आबकारी मंत्री एवं डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि फिलहाल अर्बन लोकल बॉडी का महकमा अनिल विज के पास हैं। दुष्यंत ने कहा कि फिलहाल सभी सदस्यगण थोड़ा इंतजार करें, अगली एक्साइज पॉलिसी में काफी कुछ बेहतर और नया देखने को मिलेगा।
इस पर कांग्रेसी विधायक बीबी बतरा ने कहा कि अर्बल लोकल बॉडी मिनीस्टर यदि विज हैं, तो वे शहरों में शराबबंदी का प्रस्ताव ले आएं, हम इसके लिए उनसे आग्रह करते हैं, लेकिन सदन में बैठे मंत्री विज फिलहाल इस पर शांत दिखाई दिए। इसी दौरान उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने इस संदर्भ में हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा-31 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2019 पेश किया, जिसे सदन में पारित कर दिया गया।
इस संशोधन के अनुसार कोई ग्राम सभा अपने 10 प्रतिशत सदस्यों द्वारा पारित संकल्प के माध्यम से किसी भी वर्ष के अप्रैल के प्रथम दिन से आरंभ होने वाली और दिसंबर के 31वें को समाप्त होने वाली अवधि के दौरान किसी भी समय निर्दिष्ट कर सकती है कि शराब ग्राम पंचायत के स्थानीय क्षेत्र के भीतर किसी दुकान पर नहीं बेची जाएगी।
अकसर देखने में आया है कि ग्राम पंचायतें अपनी सभा क्षेत्र में शराब के बिक्री केंद्र खोले जाने पर प्रतिबंध लगाने की अनिच्छुक होती है, जबकि गांववासियों, जो ग्राम सभा को गठित करते हैं, उनकी मांग रहती है उनके सभा क्षेत्र में शराब बिक्री केंद्र न खोला जाए।
इस विधान के तहत अधिनियम में ऐसे बदलाव लाए जाएंगे जो ग्राम सभा के मत के ऊपर ग्राम सभा के 10 प्रतिशत सदस्यों के विचारों को प्राथमिकता प्रदान करने में सहायक होंगे। इसके अतिरिक्त, यह प्रतिबंध अगले वर्ष की प्रथम अप्रैल से लागू करने के लिए इस बारे प्रस्ताव 31 दिसंबर तक पारित किया जा सकता है।
दबंग लोग करते हैं गांवों में शराब का कारोबार
सदन में आजाद विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि गांवों में दबंग लोग शराब का कारोबार करते हैं, ऐसे में वहां के लोग कैसे उनके खिलाफ लामबंद हो सकते हैं। उधर, सदन में अन्य विधायक बीबी बतरा ने कहा कि सरकार यह भी सुनिश्चित करे कि यदि गांव में शराब का ठेका बंद हो जाता है, तो गांव में अवैध शराब का धंधा शुरू नहीं होगा, क्योंकि ऐसे में लोग घरों में ही दुकानें खेालकर अवैध शराब बेचते हैं।