Star khabre, Faridabad ; 29th November : बिलासपुर. हाईकोर्ट ने पंचायत के परिसीमन को लेकर राज्य शासन के खिलाफ दायर याचिका को स्वीकार करते हुए राज्य शासन की अधिसूचना को निरस्त कर दिया है। साथ ही चुनाव कराने के बारे में निदेंश दिया है कि अगर चुनाव कराना है तो पुरानी अधिसूचना से ही कराएं।
मामले की सुनवाई जस्टिस पी. सैम कोशी की एकलपीठ में हुई। बेमेतरा के नवागांव निवासी प्रेमचंद्र साहू ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राज्य सरकार द्वारा सितंबर और अक्टूबर में जारी अधिसूचना को चुनौती दी। इसमें तर्क दिया कि नवागांव, करंजिया व बीरमपुर को मिलाकर ग्राम पंचायत बनाया जाना था। इसका मुख्यालय नवागांव में रखना था। लेकिन अंतिम अधिसूचना में नवागांव व मुलमुला को मिलाकर ग्राम पंचायत बना दिया। आबादी दोनों ग्रामों को मिलाकर आबादी 3 हजार है। जबकि दिशा निर्देश के मुताबिक 1 हजार आबादी पर एक ग्राम पंचायत बनानी थी।
एक गांव की आबादी 704 होने पर भी उसको ग्राम पंचायत बना दिया गया। जहां नवागांव की आबादी 1 हजार थी। इसके बाद भी ग्राम को ग्राम पंचायत नहीं बनाया गया। उसके साथ दो हजार आबादी वाले मुलमुला गांव को और जोड़ दिया गया है।
इसके अलावा नवागांव को मुख्यालय न बनाकर मुलमुला का आश्रित ग्राम बना दिया गया। इसी प्रकार की और 10 ग्राम पंचायतों के रहने वाले लोगों ने अलग-अलग याचिकाएं प्रस्तुत की। इसमें सुनवाई का मौका नहीं दिए जाने का भी हवाला दिया गया। शासन की तरफ से कहा गया कि आपत्ति नहीं होने से यह अधिसूचना जारी की गई है।