Star Khabre, Entertainment; 17th January : एक गीतकार के रूप में जावेद अख्तर (Javed Akhtar) किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. 'तुमको देखा तो ये खयाल आया' हो या फिर 'प्यार मुझसे जो किया तुमने तो क्या पाओगी', जावेद अख्तर के हर एक लफ़्ज़ में वह जादू है जो सीधा लोगों के दिलों में उतर जाता है. पुरानी पीढ़ी ही नहीं आज के युवा भी जिसे मौसिक़ी में दिलचस्पी है तो वह जावेद अख्तर को पसंद करते हैं. लेकिन आज जावेद अख्तर के जन्मदिन के मौके पर हम उस किस्से को बताने जा रहे हैं, जब जावेद अख्तर के गीतों का जादू नहीं बल्कि जावेद पर किसी का जादू चल गया.
असल में जावेद अख्तर की पहली शादी उनसे दस साल छोटी हनी से हुई थी. उनके दो बच्चे ज़ोया और फरहान अख्तर हैं. लेकिन वाकया साल 1970 का है जब जावेद, कैफी आजमी के यहां गीत संगीत सीखने जाते थे. इस दौरान दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ी. धीरे-धीरे इसकी खबर जावेद की पत्नी हनी को हुई, जिसके बाद दोनों के बीच झगड़े शुरू हो गए. फिर जावेद ने हनी से तलाक लेने का फैसला कर लिया.
साल 1978 में दोनों ने अलग होने का फैसला किया लेकिन इसके बारे में बच्चों को नहीं बताया. हालांकि हनी और जावेद का डिवोर्स नहीं हुआ था ऐसे में शबाना से शादी में दिक्कत आ रही थी, लेकिन साल 1984 में हनी और जावेद का तलाक हो गया. हालांकि, एक ओर जहां जावेद अख्तर शादी के लिए तैयार थे तो वहीं शबाना आजमी के पिता कैफी आजमी इस रिश्ते को लेकर तैयार नहीं थे. कैफी को लगता था कि शबाना के चलते ही हनी और जावेद का रिश्ता टूट गया. वह यह नहीं चाहते थे कि शबाना, शादीशुदा शख्स से शादी करें.
हालांकि शबाना ने पिता कैफी को यकीन दिलाया की जावेद और हनी का रिश्ता, उनकी वजह से नहीं खत्म हुआ. जिसके बाद कैफी आजमी ने शबाना आजमी को जावेद अख्तर के साथ शादी करने की इजाजत दी.