Star Khabre, Business; 21st January : सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक लिमिटेड के 12000 से ज्यादा परेशान घर खरीदारों को बड़ी राहत देते हुए केंद्र सरकार को कंपनी के प्रबंधन को अपने नियंत्रण में लेने की अनुमति दे दी। साथ ही केंद्र को नया निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) गठित करने का निर्देश दिया। अदालत ने नए निदेशक मंडल के लिए हरियाणा के पूर्व आईएएस अधिकारी युद्धवीर सिंह मलिक को इसका चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) बनाने की भी मंजूरी भी दे दी। नए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में सात सदस्य होंगे।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की पीठ ने यूनिटेक का प्रबंधन केंद्र सरकार को देते हुए नए बोर्ड को प्रोजेक्ट को पूरा करने की रूपरेखा के बारे में दो महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने बोर्ड के सदस्यों के नामों की भी मंजूरी दे दी। इनमें एनबीसीसी के पूर्व सीएमडी एके मित्तल, एचडीएफसी क्रेडिला फाइनेंस सर्विस प्राइवेट लि. की रेणु सूद कर्नाड, एम्बेसी ग्रुम के सीएमडी जीतू विरवानी और मुंबई स्थित हीरानंदानी ग्रुप कंपनी के एमडी निरंजन हीरानंदानी शामिल हैं।
दरअसल दिसंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि वह 2017 के अपने प्रस्ताव पर अमल के लिए तैयार है। इस पर केंद्र सरकार ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह 2017 के अपने प्रस्ताव पर अमल को राजी है। तब सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक का प्रबंधन केंद्र को अपने हाथ में लेने की स्वीकृति दे दी। इस मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी। पीठ ने नए निदेशक मंडल को अगले दो महीने तक यूनिटेक प्रबंधन के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई करने से मना किया है।
पीठ ने कहा है कि निदेशक मंडल सुप्रीम कोर्ट के किसी सेवानिवृत्त जज को नियुक्त करे, जो बोर्ड द्वारा तैयार की जाने वाली रूपरेखा की निगरानी करेंगे। केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पीठ से कहा कि नए बोर्ड में अनुभवी लोग हैं, जो अटके प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने में सहायक होंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि कंपनी के किसी लंबित प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए सरकार फंड को प्रभावित नहीं करेगी।
स्थिति सामान्य होने पर कोर्ट नहीं करेगा निगरानी
पीठ ने कहा, इस फैसले का मकसद घर खरीदारों के हित में अटके प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए कंपनी पर पेशेवर बोर्ड को नियंत्रण का अधिकार देना था। पीठ ने कहा कि यूनिटेक मामले में सब कुछ सामान्य होने पर कोर्ट अपनी निगरानी बंद कर देगा। आगे कहा कि नए निदेशक मंडल के कमान संभालते ही यूनिटेक का निदेशक मंडल खारिज हो जाएगा।
सिब्बल की दलील खारिज
यूनिटेक के मौजूदा प्रबंधन के वकील कपिल सिब्बल ने पीठ से गुहार लगाई कि नए निदेशक मंडल में रमेश चंद्र और एक लेखाकार को जगह दी जाए। इससे उनके अनुभवों का घर खरीदारों को काफी लाभ मिलेगा।
पीठ ने सिब्बल की दलील को खारिज करते हुए कहा कि किसी गलतफहमी से बचने के लिए मौजूदा बोर्ड के किसी सदस्य को नए बोर्ड में शामिल करना उचित नहीं होगा। गौरतलब है कि यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्र और उनके भाई अजय चंद्र खरीदारों के पैसे की हेराफेरी के आरोप में अभी तिहाड़ जेल में बंद हैं।
बंद प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 25 हजार करोड़
सुनवाई के दौरान फ्लैट खरीदारों की ओर से पेश वकील एमएल लाहौटी ने पीठ से कहा कि सरकार के पास ऐसे बंद पड़े प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 25 हजार करोड़ का फंड है। लिहाजा यह बताने की जरूरत है कि इसमें से कितनी रकम का इस्तेमाल यूनिटेक के प्रोजेक्ट्स के लिए हो सकता है।