Star Khabre, Chandigarh; 24th January : मनीमाजरा के मॉडर्न कॉम्प्लेक्स में हुए ट्रिपल मर्डर ने ट्राईसिटी में सबको हिलाकर रख दिया है। बुधवार को मकान नंबर-5012 में मां, उसकी बेटी और बेटे की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। जबकि घर के मालिक संजय अरोड़ा की वीरवार को इलाज के दौरान पीजीआई में मौत हो गई। पंचकूला सेक्टर-9 मार्केट की श्रीकृष्णा स्वीट्स के मालिक संजय अरोड़ा ने बुधवार रात को ट्रेन से कटकर जान देने की कोशिश की थी। इसमें वे गंभीर रूप से जख्मी हो गए। वीरवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
संजय की पत्नी सरिता, बेटे अर्जुन और बेटी सांची का कत्ल बुधवार दोपहर 2 से 3 बजे के बीच किया गया। शक संजय अरोड़ा पर ही है। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ ट्रिपल मर्डर का केस दर्ज कर लिया है। पुलिस की ओर से अभी डिक्लेयर नहीं किया गया है कि कत्ल में संजय अरोड़ा खुद शामिल थे।
पुलिस को शक है कि परिवार के कत्ल में संजय के अलावा कोई दूसरा या फिर संजय का किसी ने साथ दिया हो सकता है। इसकी जांच चल रही है। बताया जा रहा है कि संजय अरोड़ा पर 8 करोड़ का कर्जा था। हालांकि असलियत में वे 70 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी के मालिक थे। इसलिए कई सवाल भी उठ रहे हैं। वीरवार देर शाम मां, बेटे और बेटी के शव का पोस्टमार्टम किया गया।
ट्रिपल मर्डर के बाद सनसनी
स्कूल यूनिफॉर्म में था बेटे अर्जुन का शव, बेटी कॉलेज से लौटी थी...
संजय अरोड़ा के बेटे अर्जुन (15) का शव घर के एक कमरे में स्कूल यूनिफॉर्म में मिला है। सरिता का शव भी वहीं पड़ा हुआ था। दोनों के गले को काटा गया था। पुलिस का मानना है कि स्कूल से आते ही अर्जुन की हत्या कर दी गई होगी। उसने कोई संघर्ष भी नहीं किया। पुलिस को लगता है कि कुछ खिलाने के बाद ही हत्या की गई। वहीं, संजय की बेटी सांची (20) का शव घर के गेट के बिल्कुल पास मिला।
पुलिस का मानना है कि सांची ने जैसे ही घर में कदम रखा, हत्यारे ने उसके सिर पर रॉड से वार कर दिया। इसके बाद गला रेत दिया। सांची के कंधे पर एक बैग भी लटका हुआ मिला है। सांची कॉलेज से वापस आई होगी और आते ही उसकी हत्या कर दी गई। उसके हाथ में कुछ रुपए भी मिले हैं। कुछ रुपए उसके हाथ के पास गिरे हुए मिले। वहीं, संजय की कार से एक बिजली कटर का बॉक्स मिला है। अंदेशा
जताया जा रहा है कि इसी से तीनों का गला काटा गया होगा।
चिट्ठी में लिखा-सेक्टर-9 के हर्ष बाहरी, विनोद बाहरी, प्राॅपर्टी डीलर मनोज बंसल, हनी गुप्ता ने फ्राॅड किया, जिससे मैं कर्जाई हो गया....
संजय की जेब से पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। लेकिन उसकी जेब से हरियाणा के मंत्री अनिल विज के नाम लिखी एक चिट्ठी जरूर मिली है। मरने से पहले लिखी इस चिट्ठी में संजय ने लिखा कि 'अनिल विज जी, आपको बता दूं कि आपकी पुलिस कुछ काम नहीं करती। मुझे कोई इंसाफ नहीं दिया। बस चक्कर कटवाते रहे। मैंने अपने पैरों से पंचकूला ईओडब्ल्यू विंग के 100 चक्कर काट लिए, लेकिन कुछ न हुआ। इंचार्ज दिलीप दूसरों का साथ देता रहा बस। मेरे साथ पंचकूला सेक्टर-9 मार्केट वाले हर्ष बाहरी, विनोद बाहरी, प्राॅपर्टी डीलर मनोज बंसल, हनी गुप्ता ने फ्राॅड किया। पैसे हड़पे। लेकिन किसी ने मेरी बात नहीं सुनी। इससे मैं कर्जाई हो गया हूं। मेरे मरने के बाद मेरे परिवार को तंग न करना...'।
पिंजौर के एक कैटरर से था 50 लाख रुपए का लेन-देन
सबके जहन में ये सवाल है कि आखिरकार संजय अरोड़ा ने यह कदम उठाया ही क्यों। कोई मान ही नहीं सकता कि संजय अपनी फैमिली को इस तरह खत्म कर सकता है। सामने आया है कि संजय अरोड़ा का पिंजौर के कैटरर गुप्ता और पंचकूला के व्यापारी बाहरी से 50-50 लाख रुपए का लेन-देन था। इसकी संजय ने शिकायत भी दे रखी थी।
पुलिस की जांच में ये आया सामने...
गार्ड ने पुलिस को दिए बयान-रेलवे ट्रैक पर अकेले ही पहुंचा था संजय अरोड़ा...
संजय जिस शताब्दी गाड़ी के आगे कूदे, उसके गार्ड ने पुलिस को बयान दिए हैं कि उसे एक ही शख्स ट्रेन के आगे कूदता दिखाई दिया। ट्रेन से टकराते हुए देखा तो गाड़ी रोक ली थी। पुलिस का मानना है कि संजय अरोड़ा ने अपने घरवालों की हत्या करने के बाद आत्महत्या करने का प्रयास किया। इसीलिए वे मनसा देवी रेलवे लाइन के पास पहुंचे, लेकिन गंभीर रूप से जख्मी हो गए। इसके बाद उन्हें हॉस्पिटल में ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
शवों के पास टेबल पर पड़ा हुआ था खाना...
पुलिस को माँं-बेटे के शवों के पास खाना भी पड़ा हुआ मिला है। पुलिस ने उसके सैंपल भी लिए हैं। पुलिस जांच कर रही है कि कहीं खाने में कुछ नशीला पदार्थ मिलाकर पहले बेहोश न किया हो।
धोबी ने अकेले जाते हुए देखा था अरोड़ा को
जिस ब्लॉक में संजय अरोड़ा और उनका परिवार रहता था, उस ब्लॉक के धोबी ने पुलिस को जानकारी दी है कि उसने बुधवार रात करीब 8 बजे संजय अरोड़ा को मॉडर्न कॉम्प्लेक्स के गेट नंबर-4 की ओर जाते हुए देखा था। धोबी का कहना है कि संजय सर रोजाना करीब 8 बजे सैर करने के लिए जाते थे। कई बार मुझसे बात भी करते थे। बुधवार को मैं किसी और व्यक्ति से बात कर रहा था, इसलिए वे मुझसे बिना मिले चले गए।
पुलिस की दो थ्योरी...
इसलिए लग रहा कि कातिल संजय ही...
1. कत्ल के बाद कातिल ने घर के बाहर ताला लगाया और शव अंदर पड़े रहे। जबकि उस ताले की चाबी संजय की जेब से बरामद हुई है।
2. कत्ल दोपहर 2 से 3 बजे के बीच हुआ। जबकि धोबी के मुताबिक संजय अरोड़ा रात 8 बजे अकेले घर की तरफ से निकले।
3. संजय की जेब से अनिल विज के नाम की चिट्ठी निकलना। इसमें माना कि वह आत्महत्या कर रहा है।
4. संजय ने बुधवार को ही एक बड़ा इलेक्ट्रॉनिक कटर खरीदा था।
5. शताब्दी ट्रेन के कर्मी ने संजय को अकेला कूदते देखा।
दूसरी थ्योरी...
कातिल ज्यादा शातिर तो नहीं...
1. संजय पर करीब 8 करोड़ का कर्जा था। हालांकि वे 70 करोड़ की प्रापर्टी के मालिक थे। किराया भी प्रति माह 6 लाख से ज्यादा आ रहा था। कर्जे के कारण इतना बड़ा
कदम उठाना हर किसी के समझ से बाहर है।
2. संजय अगर कर्जे से परेशान थे तो पूरे परिवार को क्यों मारा?
3. संजय ने चिट्ठी में लिखा है कि परिवार को बाद में तंग न करें। ऐसा है तो वह
किस परिवार की बात कर रहा था। अपने भाई-बहनों की या अपनी पत्नी और बच्चों की। क्या उसे नहीं पता था कि उससे पहले उसका परिवार खत्म हो चुका है?