Star Khabre, National; 26th January : उत्तरी पूर्वी जिले के भजनपुरा स्थित जिस कोचिंग सेंटर की छत गिरने से 5 लोगों की जान गई, उसे देखने का जिम्मा नगर निगम के पास था। उसी के पास इमारतों में अवैध निर्माण रोकने का काम है। आसपास रहने वाले लोगों ने इस हादसे के लिए निगम की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। वैसे भी यह हादसा पहला नहीं है। पहले भी दिल्ली में अवैध निर्माण के कारण हादसे होते रहे हैं। इस मामले में पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अधिकारी बात करने से भी बच रहे हैं।
भजनपुरा के सुभाष मुहल्ला की इस इमारत का नक्शा निगम से पास नहीं था। इमारत के भूतल और प्रथम पर लिंटर हैं। प्रथम तल के लिंटर पर गार्डर-पटिया से दूसरा फ्लोर बनाया गया था। इस पर भी निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की तो अब गार्डर पटियों के ऊपर ही एक और तल चढ़ाने का काम चल रहा था। इस पर भी गार्डर-पटिया ही डालने की योजना थी।
तीसरी मंजिल पर निर्माण के दौरान अचानक दीवार ढही। दूसरी मंजिल की गार्डर-पटिया की छत इसका झटका नहीं सह पाई और भरभराकर गिर गई। इससे दूसरी मंजिल पर कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ रहे बच्चे हादसे के शिकार हो गए। भजनपुरा के स्थानीय लोगों का आरोप है कि दिल्ली में निगम की सांठगांठ के चलते जगह-जगह अवैध निर्माण हो रहे हैं।
इनके कारण हादसों में अक्सर लोगों की जानें जाती हैं, लेकिन निगम इलाकों में कराए जा रहे अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई में कोताही बरतता है। इससे पहले, उत्तर पूर्वी जिले के सीलमपुर इलाके में दो सितंबर 2019 को चार मंजिला इमारत ढहने से दो लोगों की मौत हो गई थी और 7 घायल हुए थे। यह इमारत बारिश के कारण कमजोर हो गई थी।
लोगों का आरोप था कि यह इमारत हिलती थी। इसे लेकर कई बार शिकायत भी की गई थी, लेकिन निगम अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसी तरह उत्तरी दिल्ली निगम क्षेत्र में बीते 26 सितंबर को भारत नगर इलाके में चार मंजिला इमारत गिरने से दो महिलाओं और 4 बच्चों की मौत हो गई थी और 6 लोग घायल हुए थे।
मृतकों के परिजनों को 10 लाख की मदद देने की सीएम ने की घोषणा
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी और दूसरे स्थानीय नेता मौके पर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये आर्थिक मदद का ऐलान किया। वहीं मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार से मृतकों के परिवार को 1 करोड़ रुपये की सहायता देने की मांग की है। केजरीवाल ने कहा कि इलाके में अवैध निर्माण हो रहा था। हम इस बात की जांच कराएंगे कि एमसीडी ने कैसे निर्माण करने की अनुमति दी।
किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। साथ ही चुनाव आयोग से गुजारिश करेंगे कि पीड़ित परिजनों को दस लाख रुपये की आर्थिक मदद की इजाजत दे। यह रकम दिल्ली सरकार देगी। उधर, मौके पर पहुंचे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मनोज तिवारी ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद वहां मौजूद अधिकारियों से पूरी घटना की जांच करने का कहा।
मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि भाजपा हमेशा पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। साथ ही भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पहले से ही जरूरी कार्रवाई की जाए। साथ ही इस घटना के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।