Star Khabre, Haryana; 15th February : हरियाणा में जनगणना-2021 के पहले चरण में मकान सूचीकरण व मकानों की गणना का कार्य किया जाएगा। यह प्रक्रिया पहली मई 2020 से 15 जून 2020 तक पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्य में लगभग 58000 प्रगणक और पर्यवेक्षक आंकड़े एकत्रित करेंगे। शुक्रवार को यहां मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने जनगणना एवं राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर तैयार करने की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में मंडलायुक्त, डीसी व प्रधान जनगणना अधिकारी मौजूद रहे।
महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त विवेक जोशी की मौजूदगी में केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि जनगणना सामाजिक-आर्थिक और जनसांख्यिकी डाटा के रूप में सबसे विश्वसनीय स्रोत है। इसलिए जनगणना का डाटा विश्वसनीय होना चाहिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को जनगणना कार्य समयबद्ध रूप से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। अरोड़ा ने कहा कि जनगणना-2021 इतिहास में पहली जनगणना होगी, जो पूरी तरह से डिजिटल होगी।
इससे राज्यों को अपनी योजनाएं बनाने में बहुत मदद मिलेगी। जनगणना के लिए आमजन को जागरूक करें। प्रथम चरण में मकान सूचीकरण व मकानों की गणना की जाएगी। जिसके अंतर्गत मकानों की गुणवत्ता, परिवार में उपलब्ध सुख-सुविधाओं और परिवार में उपलब्ध संपत्तियों से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। द्वितीय चरण में जनसंख्या की परिगणना 9 फरवरी 2021 से 28 फरवरी 2021 तक चलेगा। इसके साथ रिविजनल राउंड 1 से 5 मार्च 2021 के बीच आयोजित किया जाएगा।
जिला जनगणना अधिकारियों एवं तहसीलदार-सह-चार्ज अधिकारियों का जिला स्तरीय प्रशिक्षण 19 फरवरी से 4 मार्च 2020 के बीच होगा।इसके बाद लगभग 900 फील्ड ट्रेनरों का प्रशिक्षण मार्च 2020 में आयोजित किया जाएगा। फील्ड ट्रेनर अप्रैल, 2020 में प्रगणकों एवं पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने जनगणना कार्य निदेशालय, हरियाणा की वेबसाइट को भी लांच किया।
मोबाइल एप से एकत्रित किए जाएंगे आंकड़े
केंद्रीय जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने कहा कि जनगणना विश्व की सबसे बड़ी प्रशासनिक और सांखिकीय प्रक्रिया है। यह प्रथम बार डिजिटल मोड पर की जा रही है ताकि समय पर जनगणना आंकड़ों को जारी किया जा सके। जनगणना के आंकड़े विशेष रूप से डिजाइन किए गए मोबाइल एप पर एकत्रित किए जाएंगे।
यह भी पहली बार होगा कि जनगणना गतिविधियों एवं प्रगति का अनुवीक्षण सेंसस मॉनिटरिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएमएस) के जरिए किया जाएगा। जनगणना के लिए नागरिकों से किसी प्रकार के दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे। नागरिकों को कुछ प्रश्नों के जवाब देने होंगे। प्रधान जनगणना अधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि नागरिकों से केवल प्रश्नावली में दिए गए प्रश्न ही पूछे जाएं