Star Khabre, National; 18th February : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग में जारी प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने जिन वार्ताकारों के पैनल का गठन किया है वह आज वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े के घर पर आपस में मुलाकात के लिए पहुंचे हैं। बता दें कि संजय हेगड़ भी इसी पैनल का हिस्सा हैं।
बता दें कि इस पैनल में संजय हेगड़े के अलावा साधना रामचंद्रन और वजाहत हबीबुल्लाह भी हैं। यह दोनों इस वक्त संजय हेगड़े के घर पर बैठक के लिए पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि यह सभी एक-दूसरे से बात कर शाहीन बाग भी जा सकते हैं।
बता दें कि सोमवार को शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, किसी कानून के खिलाफ प्रदर्शन करना लोगों का मौलिक अधिकार है। लेकिन सड़क को ब्लॉक किया जाना चिंता का विषय है और अवश्य ही संतुलन बनाए जाने की जरूरत है। यही तरीका अगर अन्य समूह भी अपनाएंगे तो अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो जाएगी।
कोर्ट ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों से बात करने और उन्हें वैकल्पिक स्थल पर जाने को मनाने को कहा, जहां कोई सार्वजनिक स्थल ब्लॉक न हो।
सुप्रीम कोर्ट कहेेगा तो खाली होगा रास्ता
सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में रास्ता घेरकर दो महीने से ज्यादा समय से धरना दे रही महिलाओं का कहना है कि अगली तारीख पर सुप्रीम कोर्ट ने रास्ता खाली करने का निर्णय दिया तो सभी प्रदर्शनकारी उसे स्वीकार करेंगे। महिलाओं ने सोमवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को लेकर सोमवार सुबह से ही शाहीन बाग में सबकी सांसें थमी हुई थीं। दोपहर करीब 2 बजे निर्णय आने के बाद हर कोई उसे जानने के लिए उत्सुक दिखा। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को प्रदर्शनकारियों से बातचीत करनी चाहिए।
अदालत की ओर से प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह को मध्यस्थ नियुक्त करने का धरने पर बैठी महिलाओं ने तालियां बजाकर स्वागत किया। दादी बिलकिस ने मंच से दूसरी महिलाओं को इसकी जानकारी दी। दादियों ने कहा कि वे मध्यस्थों के समक्ष अपनी बात विस्तार से रखेंगी।
पुलिस से नहीं करेंगी बात
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि वे मध्यस्थों से बातचीत करेंगी, लेकिन पुलिस के किसी भी अधिकारी से नहीं। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में पुलिस की भूमिका शुरू से ही संदिग्ध नजर आ रही है।
उधर, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले शाहीन बाग में मामूली भीड़ थी, लेकिन इसके बाद वहां लोग जमा हो गए। भीड़ मंच के पास तक पहुंचने लगी। हर कोई कोर्ट के इस फैसले पर चर्चा करता नजर आया। कुछ लोग इस फैसले को गलत भी बता रहे थे।
दो महीने से परेशान हैं दिल्ली नोएडा के लाखों लोग
शाहीन बाग में दो महीने से ज्यादा समय से रास्ता बंद करके चल रहे धरना-प्रदर्शन से दिल्ली और नोएडा के लाखों लोग परेशान हैं। प्रदर्शन के कारण नोएडा की ओर जाने वाली सड़क बंद पड़ी है। इसके कारण लोगों को कई किलोमीटर लंबा रास्ता तो काटना ही पड़ रहा है, वाहनों के दबाव के कारण उन पर भारी जाम भी रहता है।
शाहीन बाग के प्रदर्शन में अब अगुवाई की होड़
शाहीन बाग प्रदर्शन की पटकथा का लेखक देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू के स्कॉलर शरजील इमाम को माना जाता है। बताया जाता है कि शरजील सबसे पहले प्रदर्शनस्थल पर लोगों को लेकर बैठा था। इसके बाद उसे दूसरे लोगों का साथ मिलता चला गया।
उसकी गिरफ्तारी के बाद प्रदर्शन का नेता बनने की होड़ में कई गुट बन गए हैं। इन गुटों के बीच मंच पर लगभग रोज कहासुनी की नौबत आ रही है। सोमवार को भी कोर्ट की सुनवाई के बाद दोनों गुट मंच पर आपस में भिड़ गए। इसके बाद महिलाओं ने बीच में आकर हंगामे को शांत कराया।
शाहीन बाग के प्रदर्शन की अगुवाई अब कई हाथों में है। सूत्रों की मानें तो पहला गुट विधायक अमानतुल्ला से जुड़ा हुआ है, जो स्थानीय लोगों में हनक बनाए रखना चाहता है। दूसरा गुट वामपंथी छात्रों का है। एक तीसरा गुट भी है, जो पीएफआई से जुड़ा बताया जा रहा है।
इन सभी के मतभेदों के कारण शाहीन बाग प्रदर्शन में आपस में फूट दिख रही है। हर कोई मंच पर अगुवा बनकर खुद को बड़ा नेता साबित करने में जुटा है। देखना है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त मध्यस्थों से कौन-सा गुट बातचीत करेगा। वैसे इनमें से एक गुट रास्ता खोलने के पक्ष में है। उसका मानना है कि इससे कई लाख लोगों को रोज ट्रैफिक जाम से जूझना पड़ रहा है। बाकी के दोनों गुट प्रदर्शन को जारी रखने के पक्ष में हैं।