Star Khabre, Haryana; 05th March : बजट पेश होने के बाद से ही कर्ज क्यों बढ़ा? और कर्ज का पैसा कहां खर्च किया? जैसे सवालों से सरकार को घेर रहे विपक्ष को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बजट सत्र के आखिरी दिन जवाब दिया। उन्होंने कांग्रेसी सरकार के दस वर्षों की तुलना अपने पिछले पांच वर्षों से करते हुए खर्चे का ब्यौरा दिया। कई बार उन्होंने चुटकी ली तो विपक्ष की ओर से यही कहा गया कि आप पिछला नहीं भविष्य का बताएं।
सीएम ने कहा कि एक घंटे 12 मिनट के रिप्लाई में ज्यादातर फोकस विपक्ष की ओर से उठाए गए सवालों के जवाब देने में लगाया। पहले सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में विकास के लिए पैसे की जरूरत होती है। इसके दो विकल्प हैं। या तो टैक्स लगाकर जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ाया जाए या फिर लोन लिया जाए। हमने कोई भी टैक्स नहीं लगाया और कर्ज भी निर्धारित सीमा के अंदर ही रखा हुआ है। सरकार की कोई इंडस्ट्री नहीं होती है। जहां से आय होती है।
बिजली विभाग की जांच कराएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली डिपार्टमेंट पर कर्ज 1999 में 4141 करोड़ रुपए था। जो 2010 में 6400 करोड़ रुपए तक पहुंचा लेकिन इसके बाद 2011-12 में यह 19 हजार करोड़ रुपए हो गया। यह कैसे इतना बढ़ा। इसकी जांच कराएंगे। सीएम ने कहा कि हमारा फोकस ईज ऑफ लिविंग पर है। केंद्र सरकार इसके लिए पैरामीटर तैयार कर रही है। उसके अनुसार लोगों की खुशहाली पर भी काम किया जाएगा। हमने बजट स्पीच में भी कहा है कि हर वर्ग की आय बढ़े, स्कूलों और अस्पतालों में जाने वाले भी खुशहाल रहे।
सीएम का शायराना अंदाज- बहुमत मुश्किल है सभी को खुश रखना, चिराग जलते ही अंधेरे रूठ जाते हैं
मुख्यमंत्री ने एक शेर भी सुनाया। कहा-बहुमत मुश्किल है सभी को खुश रखना, चिराग जलते ही अंधेरे रूठ जाते हैं। उन्होंने कहा कि पांच यूनिवर्सिटी पर दस सालों में 102 करोड़ रुपए खर्च किए थे। परंतु पांच सालों में 500 करोड़ से ज्यादा पैसा खर्च किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि बजट से पहले लोगों से 100 घंटे चर्चा की गई है। सभी से सुझाव लिए गए हैं।
निजी उद्योगों में 75% नौकरी के लिए निकालेंगे विकल्प
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने निजी उद्योगों में 75 फीसदी नौकरी हरियाणा के युवाओं को रोजगार पर कहा कि यह पूर्व में ही सीएलयू के प्रावधानों में है लेकिन लागू नहीं कर पा रहे हैं। लेकिन इसका कोई विकल्प निकालेंगे। कुछ जगह हमारे यहां जमीन की दिक्कत होती है। कंपनियां सोहना, मानेसर, गुड़गांव आदि में जमीन की डिमांड करती है। यहां जमीन महंगी है। इसलिए हम चाहते हैं कि ऐसी जगह भी इंडस्ट्री लगे, जहां युवाओं को रोजगार मिल सके। यहां अच्छा माहौल है। उन्होंने विपक्ष की ओर से 28 फीसदी बेरोजगारी के आंकड़ें को भी नकारा। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र में पूरी डिटेल आएगी। जिसके बाद रिपोर्ट सदन में रख दी जाएगी।
नशे पर चिंता से ज्यादा एक-दूसरे पर आरोप लगा उलझे पक्ष और विपक्ष
बजट सत्र के आखिरी दिन प्रदेश के हित से जुड़े बढ़ते नशे पर पाबंदी जैसे बड़े मुद्दे पर सदन में विधायक जनता के हितों की चिंता करने की बजाए, आपस में ही उलझ गए। सत्ता पक्ष की ओर से पिछले दिनों कांग्रेसी विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के नाम से चंडीगढ़ के एमएलए हॉस्टल में बुक रूम नंबर-8 में रह रहे उनके रिश्तेदार को शहर से हेरोइन के साथ पकड़े जाने पर कांग्रेस को घेरा तो विपक्ष ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला और एलनाबाद से पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पवन बैनीवाल को लेकर घेराबंदी की। जजपा के 3 विधायक और निर्दलीय कुंडू भी कांग्रेसी विधायकों के साथ खड़े नजर आए।
बराला के साथ घूमने वाला कर रहा नशे का कारोबार: अभय सिंह
इनेलो विधायक अभय सिंह ने भी बराला और बैनीवाल पर कई आरोप लगाते हुए सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि बैनीवाल के खिलाफ लोगों की ऑडियो और वीडियो सामने आई है। मंत्री से लेकर डीजीपी तक को चिट्ठी लिखी, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कुछ तस्वीर दिखाते हुए कहा कि पिछले माह चिट्टे के साथ पकड़ा गया युवक बराला के साथ घूमता है। उन्होंने कहा कि पता कराया जाना चाहिए कि इस दौरान बराला और एसपी के बीच कितनी बार बातचीत हुई। अभय ने श्रीकृष्ण हुड्डा के मामले में कहा कि ऐसे ही किसी को बदनाम नहीं करना चाहिए। एमएलए हॉस्टल में नशे के कारोबार जांच करानी चाहिए।
बैनीवाल के खिलाफ कई मुकदमे
गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि बैनीवाल से संबंधित जो पत्र अभय ने सौंपा था, उसकी प्राथमिक जांच में पता लगा है कि बैनीवाल के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। लेकिन इनमें एनडीपीएस का एक भी नहीं है।
सरकार ने वापस लिया श्रीमाता मनसा देवी पूजास्थल बिल
सरकार ने श्रीमाता मनसा देवी पूजास्थल संशोधन विधेयक वापस ले लिया। बिल को दोबारा विचार कर लाया जाएगा। इसके अलावा हरियाणा राज्य भौतिक चिकित्सा परिषद विधेयक, भारतीय स्टांप (हरियाणा संशोधन) विधेयक, पंजाब आबकारी (हरियाणा संशोधन) विधेयक, हरियाणा परियोजना भूमि समेकन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, हरियाणा अनुसूचित जाति (सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में आरक्षण) विधेयक और हरियाण विनियोग (संख्या 2) विधेयक भी पास कराए गए।