Star Kahbre, Chandigarh; 05th March : कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करना इंसान का कानूनी अधिकार है। लेकिन जानकारी के अभाव और मजबूरी के कारण कई कैदी अपने अधिकार से वंचित रह जाते हैं और वे अपने केस को हाईकोर्ट या फिर सुप्रीम कोर्ट तक नहीं ले जा पाते। ऐसे कैदियों की सहूलियत के लिए डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी (डीएलएसए) ने एक नई पहल की है।
किसी केस में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से सजा पा चुके लोग अब डीएलएसए के माध्यम से अपने केस की 20 से 25 दिनों में हाईकोर्ट में अपील फाइल कर सकेंगे। पहले अपील फाइल करने का तरीका इतना जटिल था कि लोग अपनी अपील ही फाइल नहीं कर पाते थे या उनमें देरी हो जाती थी। लेकिन अब डीएलएसए ऐसे कैदियों को न सिर्फ कानूनी सहायता के लिए वकील देगी बल्कि उनका केस खुद तैयार कर अपील को जल्द फाइल करेगी।
कई लोगों की अपील फाइल ही नहीं हुई
डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी के सेक्रेटरी अशोक कुमार मान ने बताया कि उन्होंने खुद बुड़ैल जेल में विजिट किया था। वहां उन्हें 41 ऐसे केस मिले जिनकी अपील ही फाइल नहीं हुई थी। इनसे पूछताछ की गई तो उनमें से 19 ने कहा कि वे प्राइवेट वकील करेंगे, लेकिन 22 लोग डीएलएसए की सर्विस लेने को तैयार हो गए। इन 22 में से 15 की अपील हाईकोर्ट में फाइल कर दी गई है जबकि 7 की अपील सुप्रीम कोर्ट में फाइल होनी है जोकि ड्राफ्ट कर दी गई है। मान ने बताया कि उन्होंने एक कैंपेन रिपोर्ट भी तैयार की है जोकि स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी के चेयरमैन जस्टिस जसवंत सिंह को सब्मिट की गई है।
पहले 60 से 120 दिन
पहले कैदी को अपील फाइल करने के लिए जेल में लीगल एड क्लीनिक को एप्रोच करना होता था। जिसके बाद फाइल स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी को भेजा जाता था। फिर आगे डिस्ट्रिक्ट कोर्ट को रिकॉर्ड भेजने, कस्टडी सर्टिफिकेट दिए जाने और वकालतनामे के लिए अलग-अलग एप्लीकेशंस भेजी जाती थी। इस प्रोसेस में लगभग एक महीना निकल जाता था। फिर सभी डॉक्यूमेंट वापस स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी को भेजे जाते थे। इसके बाद डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रार जनरल को भेजे जाते थे। फिर रजिस्ट्रार जनरल से डॉक्यूमेंट आगे हाईकोर्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी को जाते थे। इस दौरान अगर डॉक्यूमेंट्स में कमी रह जाती थी तो फाइल वापस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट जाती थी। जिसके बाद कंप्लीट होकर फाइल पैनल एडवोकेट को मिलती थी और फिर अपील फाइल होती थी।
अब 20 से 25 दिन
कैदी को जेल में लीगल एड क्लीनिक से एप्रोच करना होगा। उसके फॉर्म डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी के ऑफिस में जाएंगे। जिसमें वकालतनामा और सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स होंगे। सभी फॉर्म कंप्लीट कर हाईकोर्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी को जाएंगे और फिर फाइल पैनल एडवोकेट के पास जाएगी और अपील फाइल हो जाएगी। इस पूरे प्रोसेस में महज 20 से 25 दिनों का समय लगेगा।