Star Khabre, business; 07th March : रीड ने मंत्रियों के समक्ष उच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार देय बकाए के भुगतान में कंपनी की असमर्थता प्रकट करते हुए राहत की मांग की।
भारत में नई और अच्छी शुरुआत करना चाहती है कंपनी
वोडाफोन के सीईओ निक रीड ने कहा कि उनकी कंपनी भारत में नई और अच्छी शुरुआत करना चाहती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी के सीईओ ने सरकार से यह बात कही है। उन्होंने कहा कि दूरसंचार कंपनियों को राहत देने के उपायों पर काम चल रहा है।
निवेश को बनाए रखना चाहती है कंपनी
सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस सेक्टर में एकाधिकार के खिलाफ है और वह वोडाफोन आइडिया को उबरते हुए देखना चाहती है। कंपनी खुद भी भारत में अपने निवेश को बनाए रखना चाहती है। गौरतलब है एजीआर की देनदारी के चलते वोडाफोन आइडिया को खासे मुश्किल दौर से गुजरना पड़ रहा है। कंपनी पहले कई मौकों पर एजीआर के भुगतान में असमर्थ होने की बात कह चुकी है।
वोडाफोन आइडिया के सीईओ से भी रीड ने की मुलाकात
सीतारमण से मुलाकात के बाद रीड ने वोडाफोन आइडिया के एमडी व सीईओ रविंदर टक्कर के साथ संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद और संचार सचिव अंशु प्रकाश के साथ भी बैठक की। सूत्रों के अनुसार, वोडाफोन ने वहां भी कंपनी को राहत दिए जाने की मांग की। इन मुलाकातों से एक दिन पहले वोडाफोन आइडिया की ओर से कहा गया था कि उसने आतंरिक ऑडिट में केवल 21,533 करोड़ रुपये के एजीआर (लाइसेंस फीस) बकाए का आकलन किया है।
आईसीयू में है वोडा आइडिया
पिछले माह निक रीड ने कहा था की भारतीय इकाई वोडाफोन आइडिया फिलहाल आईसीयू में है। अगर सरकार से समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के भुगतान में राहत नहीं मिलती है तो फिर इसका असर आगे देखने को मिल सकता है। सेवाओं को बंद भी किया जा सकता है। कंपनी के तीसरी तिमाही के नतीजों की घोषणा करते हुए निक रीड ने एक प्रेस नोट में यह बात कही थी