Star Khabre, chandigarh; 18th March : सेक्टर-32 के एक मकान में 22 फरवरी को आग लगी थी। मकान में अवैध तरीके से पेइंग गेस्ट चलाया जा रहा था। आग लगने से यहां रह रही तीन युवतियों की मौत हो गई थी। ये हादसा नहीं बल्कि हत्या है, क्योंकि जो रिपोर्ट अब एसडीएम साउथ ने डीसी को सबमिट की है, उसमें साफतौर पर कहा गया है कि इस मामले की जिम्मेदारी मकान मालिक की है, जिसने आगे रेंट पर ये मकान दिया। दूसरी जिम्मेदारी उस व्यक्ति या काॅन्ट्रेक्टर की है, जिसने इस मकान को किराए पर लिया और इसमें बिना रजिस्ट्रेशन के पेइंग गेस्ट खोल दिया। इसमें पार्टिशन करने के लिए वे चीजें यूज की गई, जो सबसे जल्दी आग पकड़ती हैं।
इस पूरे मामले में सरकारी सिस्टम किस तरह से फेल रहा, उसको लेकर रिपोर्ट में कहा कि एसडीएम ने लिखा है कि इस हादसे के लिए बीट पुलिस ऑफिसर और इस्टेट ऑफिस के बिल्डिंग ब्रांच इंस्पेक्टर ने लापरवाही से काम किया, क्योंकि सही जानकारी आगे नहीं दी और बिल्डिंग ब्रांच ने बिल्डिंग बायलाॅज वायलेशन जो इस मकान में की गई थी, उसे इग्नोर किया। सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) साउथ सतीश कुमार जैन ने अपनी फैक्ट फाइंडिंग इंक्वायरी रिपोर्ट डीसी बराड़ को दी है।
इस मामले के आने के बाद तीनों एसडीएम की प्रमुखता में तीन टीमें बनाई गई और शहर अवैध तरीके से चल रहे पेइंग गेस्ट को लेकर चेकिंग शुरू हुई। इसके बाद से अभी तक करीब 50 मकान मालिकों को उनके घरों में पेइंग गेस्ट चलाने के लिए प्रोविजनल लाइसेंस दिया गया है। इसका मतलब ये है कि तय टाइम पर अगर फायर क्लीयरेंस और आॅक्यूपेशन सर्टिफिकेट डाॅक्यूमेंट्स वे इस्टेट आॅफिस को जमा नहीं करवाते हैं तो उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
रिपोर्ट में लिखा, जिम्मेदारों ने की लापरवाही
मकान मालिक और जो व्यक्ति इसमें अवैध तरीके से पीजी चला रहा था, उसे जिम्मेदार ठहराया गया है। इन दोनों की जिम्मेदारी तय की गई है। कहा गया है कि सरकारी अफसर अगर सही तरीके से काम करते तो शायद ये नहीं हादसा होता और तीन युवतियों की जान नहीं जाती। इसके लिए रिपोर्ट में संबंधित बीट पुलिस ऑफिसर और इस्टेट ऑफिस के बिल्डिंग इंस्पेक्टर की लापरवाही को बताया गया है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि पुलिस ऑफिसर ने जहां अथाॅरिटी को इस अवैध तरीके से चल रहे पेइंग गेस्ट को लेकर जानकारी नहीं दी। इसमें करीब 30 से ज्यादा बच्चे रह रहे थे, वहीं इस्टेट ऑफिस के बिल्डिंग ब्रांच के इंस्पेक्टर की भी उतनी ही लापरवाही इस मामले में है, क्योंकि मकान में बिल्डिंग बायलाॅज की वाॅयलेशन थी। इसे चेक ही नहीं किया गया या फिर चेक करने के बावजूद पूरी तरह से इग्नोर कर दिया गया। डिप्टी कमिश्नर मनदीप सिंह बराड़ ने इस बारे में कहा कि रिपोर्ट एसडीएम की तरफ से सब्मिट की गई है और जिनकी जिम्मेदारी या लापरवाही को लेकर इसमें कहा गया है उन सभी पर कार्रवाई की जाएगी।
तारों में लगातार होता रहता था स्पार्क, लेकिन ठीक नहीं करवाई
रिपोर्ट में बताया गया है कि बिजली की तारों में लगातार स्पार्क होता रहता था लेकिन इसको ठीक नहीं करवाया गया और यही आग लगने का कारण भी था। कुछ कमरों के लिए एक ही एंट्री थी और जिस फ्लोर में आग लगी वहां पर पीवीसी को यूज किया गया था जिसके साथ लकड़ी को पार्टिशियन के लिए यूज किया गया था। इमरजेंसी में बाहर निकलने के लिए सही रास्ता नहीं था।
एसडीएम ने रिपोर्ट में की ये सिफारिशें
फायर क्लीयरेंस लेेनी जरूरी, फ्लोर में पाॅलिसी के हिसाब से बच्चों को रखा जाए, जो बच्चों के लिए बेड लगाए जाएं, उनके बीच में ज्यादा ओपन स्पेस होना चाहिए, लकड़ी से पार्टिशन नहीं कर सकते। पीवीसी यूज न किया जाए और बोर्ड में पेइंग गेस्ट को लेकर लिखना जरूरी किया जाए। साथ ही हेल्पलाइन नंबर भी इनमें लिखे होने चाहिए। इसके अलावा जिन चीजों जैसे लकड़ी, प्लास्टिक, पीवीसी या बाकी में जल्दी आग लगती है, उन्हें पार्टिशिन के लिए या फिर बाकी चीजों के लिए यूज नहीं किया जाएगा।