Star Khabre, business; 18th March : इससे पहले एजेंसी ने 2020 में भारत में 5.7 फीसदी की दर से विकास होने का अनुमान जताया था। इस संदर्भ में एस एंड पी ने एक बयान में कहा कि 'दुनिया मंदी के दौर में प्रवेश कर रही' है।
एशिया-प्रशांत में पैदा होगी बड़ी मंदी
एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स में एशिया प्रशांत के लिए प्रमुख अर्थशास्त्री शॉन रोशे ने कहा कि चीन में पहली तिमाही में बड़ा झटका, अमेरिका और यूरोप में शटडाउन और स्थानीय विषाणु संक्रमण के कारण एशिया-प्रशांत में बड़ी मंदी पैदा होगी।
इन देशों का भी घटाया विकास दर का अनुमान
एस एंड पी ने कहा, 'हम चीन, भारत और जापान में 2020 में होने वाले विकास के अनुमान को कम करके क्रमश: 2.9 फीसदी, 5.2 फीसदी और -1.2 फीसदी कर रहे हैं। पहले इन देशों के लिए अनुमान क्रमश: 4.8 फीसदी, 5.7 फीसदी, और -0.4 फीसदी जताया गया था।
मूडीज ने भी घटाया था GDP ग्रोथ का अनुमान
इससे पहले को रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने भी कोरोना वायरस के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को देखते हुए 2020 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 5.3 फीसदी कर दिया था। मूडीज ने फरवरी में कहा था कि 2020 में भारत की जीडीपी 5.4 फीसदी की रफ्तार से वृद्धि कर सकती है। हालांकि यह भी पहले के 6.6 फीसदी के अनुमान से घटाया गया था। एजेंसी ने 2021 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 5.8 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया।
कोरोना वायरस का अर्थव्यवस्था पर होगा असर
एजेंसी ने मंगलवार को कहा था कि कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलने का ठीक-ठाक आर्थिक असर होगा। प्रभावित देशों में इससे घरेलू मांग पर असर हो रहा है, आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो रही है तथा एक देश से दूसरे देश में होने वाला व्यापार घट रहा है।
कई सरकारें और केंद्रीय बैंक उठा रहे कदम
मूडीज ने कहा, ‘‘कई सरकारों और केंद्रीय बैंकों ने वित्तीय राहत पैकेज, नीतिगत दर में कटौती, नियामकीय छूट समेत राहत के कई उपाय किए हैं। हालांकि वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए उठाये जाने वाले कदम इन उपायों के असर को कम कर देंगे।’’
इन क्षेत्रों पर पड़ेगा सबसे अधिक असर
कोरोना का उन कुछ मुख्य क्षेत्रों पर बुरा वित्तीय असर पड़ेगा, जो मुक्त आवाजाही पर निर्भर हैं। मूडीज के उपाध्यक्ष (वरिष्ठ क्रेडिट अधिकारी) बेंजामिन नेल्सन ने एक बयान में कहा, ‘‘व्यापार तथा लोगों की मुक्त आवाजाही पर निर्भर क्षेत्र जैसे यात्री विमानन, नौवहन, आतिथ्य सत्कार, रहना-ठहरना, क्रूज लाइनर, रेस्तरां आदि सबसे अधिक जोखिम में हैं।’’ अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भरता के कारण वैश्विक वाहन कंपनियां भी प्रभावित हो रही हैं। कुछ चुनिंदा भौगोलिक क्षेत्रों में खेल तथा खाद्य से इतर के खुदरा क्षेत्र भी आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भर हैं, इस कारण ये भी प्रभावित हो रहे हैं।
2018-19 में थी 6.8 फीसदी
2018-19 में विकास दर 6.8 फीसदी रही थी। इस हिसाब से देखा जाए तो फिर इसमें करीब 1.8 फीसदी की गिरावट है। विश्व की सभी रेटिंग एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी भारत के जीडीपी अनुमान को काफी घटा दिया है। मूडीज ने मार्च 2020 में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुमान 5.8 फीसदी से घटाकर 4.9 फीसदी कर दिया है। फिच ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विकास दर के 4.6 फीसदी रहने की संभावना जताई है। वहीं 2020-21 के लिए 5.6 फीसदी और 2021-22 के लिए 6.5 फीसदी का अनुमान जताया है।