Star Kahbre, Haryana; 27th May : हरियाणा प्रचंड गर्मी व लू की चपेट में है। मंगलवार को हिसार में दिन का तापमान 48 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जो सामान्य से 5 डिग्री ज्यादा है। यह मई महीने में 10 साल का रिकॉर्ड तापमान है। इससे पहले, 26 मई 2010 को 48.1 तापमान रहा था। इस बार भी 26 मई को ही सर्वाधिक गर्मी हुई है। दोपहर में 10 किमी प्रति घंटा की गति से चली लू व गर्मी की तपन ऐसी थी कि लोग कहते दिखे कि कत्ती फूंक दिए रै। वहीं, नारनौल में रात का पारा भी 31 डिग्री पहुंच गया।
उधर, राजस्थान का चूरू देश में सबसे गर्म रहा। वहां तापमान 50 डिग्री दर्ज किया गया। वहां पिछले 10 साल में मई माह में यह दूसरा माैका है, जब सबसे अधिक तापमान रहा। इससे पहले 19 मई 2016 काे 50.2 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था। दिल्ली में भी गर्मी ने 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ा। पालम में 47.6 डिग्री तापमान रहा। मौसम विभाग ने हरियाणा के लिए अगले 48 घंटे प्रचंड गर्मी के साथ भीषण लू चलने का रेड अलर्ट जारी किया है। 28 मई को पश्चिमी विक्षोभ से मौसम बदलेगा। इससे 31 मई तक आंधी के साथ बारिश के आसार हैं।
आगे क्या :
भारतीय मौसम विभाग ने पंचकूला, यमुनानगर को छोड़कर पूरे हरियाणा के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। अगले 2 दिन लू चलती रहेगी। पश्चिमी विक्षाेभ से 28 को मौसम बदलेगा। इससे 31 मई तक बारिश के आसार हैं। 40-50 किमी की गति से आंधी चलेगी। हवा की दिशा भी बदल जाएगी। दिन-रात का पारा कम होगा।
मई में सिर्फ 6 दिन लू के
भारतीय मौसम विभाग चंडीगढ़ के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल के अनुसार मई में औसतन 20 से 25 दिन लू चलती है। मार्च से मई तक 45 दिन गर्मी पड़ती है। पिछले साल लगातार 15 दिन लू चली थी। इस साल अब तक 12 पश्चिमी विक्षोभ आ चुके हैं। बारिश होती रही, इसलिए गर्मी ज्यादा नहीं हुई। मई में अभी तक सिर्फ 4 दिन लू चली है। 2 दिन और लू के होंगे। 28 को मौसम बदल जाएगा। माॅनसून भी सही दिशा में है और हरियाणा में यह जून में आ सकता है।
मॉनसून सामान्य से 4 दिन लेट
आईएमडी के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र की प्रमुख सैथी देवी ने कहा कि माॅनसून की प्रगति चक्रवाती तूफान अम्फान से बाधित हो गई थी और वह बुधवार से आगे बढ़ेगा। माॅनसून के सामान्य तारीख से 4 दिन बाद 5 जून को केरल पहुंचने की संभावना है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि 30 मई से अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। कम दबाव का क्षेत्र चक्रवात का पहला चरण होता है। हालांकि, ये जरूरी नहीं है कि प्रत्येक कम दबाव क्षेत्र चक्रवात में ही बदल जाए। केरल व कर्नाटक के तटों पर मछुआरों को आगाह किया है कि वे 30 मई से 4 जून के बीच गहरे समुद्र में नहीं जाएं