Shikha Raghav, Faridabad; 24th June : हरियाणा की सबसे बड़ी सब्जी मंडी में सफाई के ठेके की राशि की बंदरबांट के चलते सफाई व्यवस्था काफी चरमरा गई है लेकिन उसके बावजूद अधिकारी व ठेकेदार पैसों की बंदरबांट कर मस्त दिखाई दे रहे हैं। सफाई के नाम पर सब्जी मंडी में चारों तरफ कूडे के ढेर ही लगे नजर आ रहे हैं। हम बात कर रहे हैं हरियाणा की सबसे बड़ी सब्जी-फल मंडी डबुआ सब्जी मंडी की।
लगभग 14 एकड क्षेत्र में फैली डबुआ सब्जी मंडी हरियाणा की सबसे बड़ी फल और सब्जी की मंडी है। मंडी में सफाई व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने यहां की सफाई का जिम्मा एक ठेकेदार को दिया हुआ है लेकिन इसमें काफी झोलझाल है।
कितने में दिया सफाई का ठेका
सूत्रों की माने तो सफाई के ठेके के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे जोकि तीन ठेकेदार कंपनी ने इसके लिए आवेदन किया था। एक कंपनी ने 2 लाख 12 हजार प्रतिमाह, दूसरी ने 2 लाख 14 हजार प्रतिमाह और तीसरी कंपनी ने 2 लाख 35 हजार रुपए प्रतिमाह का टेंडर भरा। मार्किट प्रशासन ने तीनों टेंडर में से 2 लाख 14 हजार रुपए प्रतिमाह वाली ठेकेदार कंपनी को सफाई का यह टेंडर दे दिया। सूत्रों के अनुसार इस ठेके के अनुसार ठेकेदार को करीबन 15 सफाई कर्मचारी लगवाकर प्रतिदिन सब्जी मंडी की सफाई व्यवस्था को सही रखना था।
क्या हुआ झोलझाल
अब अगर विश्वसनीय सूत्रों की ही माने तो प्रशासन ने जहां सब्जी मंडी की सफाई का ठेका 2 लाख 14 हजार रुपए में दिया था लेकिन उस ठेकेदार ने उस ठेके को आगे सबलेट कर दिया। यानि उस ठेकेदार को उस ठेके को आगे दूसरे ठेकेदार को कम कीमत पर दे दिया। सूत्र तो बताते हैं कि ठेकेदार ने सफाई के ठेके को सबलेट करते हुए 90 हजार रुपए में सफाई का ठेका दिया है जोकि कानूनन अपराध है। कोई भी ठेकेदार इस प्रकार आगे किसी दूसरे ठेकेदार को सब लेट ठेका नहीं दे सकता। सूत्र कहते हैं कि वहीं ठेके की बची हुई रकम यानि 1 लाख 24 हजार रुपए प्रतिमाह की ठेकेदार और अधिकारियों के बीच बंदरबांट चल रही है। इसलिए अधिकारी मंडी की सफाई व्यवस्था की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे।
अब बात करें हरियाणा की सबसे बड़ी डबुआ सब्जी मंडी में सफाई व्यवस्था की तो चारों और गंदगी ही गंदगी का आलम है। हर तरफ कूडेÞ के ढेर लगे हुए हैं जोकि अनेक बीमारियों को दावत दे रहे हैं। बारिश आ जाने पर तो यहां के हालात और भी दयनीय हो जाते हैं। जैसा कि विदित है कि प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग सब्जी मंडी सब्जी और फल खरीदने आते हैं और गंदगी के कारण मंडी में फैली अव्यवस्था के कारण उन्हें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।