Star Khabre, Delhi; 20th December : अगर आप बिटकॉइन में पैसे लगा रहे हैं या लगाने की सोच रहे हैं तो इस पर भी विचार कर लीजिएगा कि जब बिटकॉइन का बुलबुला फूटेगा तो इसे कैश कैसे करवाएंगे। इस पर विचार करना इसलिए जरूरी है कि बिटकॉइन की मांग बढ़ने के साथ ही इसका ट्रांजैक्शन टाइम भी बढ़ रहा है। मंगलवार 19 दिसंबर 2017 को एक बिटकॉइन की ट्रेडिंग कन्फर्म होने में औसतन साढ़े चार घंटे का वक्त लग रहा है।
बिटकॉइन बेचना कितना कठिन?
एक बिटकॉइन की बिक्री कितनी मुश्किल है, यह गूगल के एक इंजिनियर के ट्वीट्स से पता लगाया जा सकता है। इसने लिखा है, 'मैं अपने कुछ बिटकॉइन बेचने की कोशिश कर रहा हूं और पूरी प्रक्रिया काफी भयानक है। यह बेहद जटिल है।' उसने आगे लिखा, 'यह (बिटकॉइन) वास्तव में ऐसा पैसा है जिसका आप न इस्तेमाल कर सकते हैं और न इस किसी दूसरी (करंसी) में कन्वर्ट कर सकते हैं।'
बढ़ता जा रहा है ट्रांजैक्शन टाइम
बिटकॉइन की कीमत में हर रोज सैकड़ों-हजारों डॉलर का उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। किसी को नहीं पता कि एक घंटे बाद बिटकॉइन की कीमत क्या होगी? दरअसल, बिटकॉइन का ट्रांजैक्शन टाइम बिटकॉइन माइनर्स के कन्फर्मेशन के आधार पर तय होता है। हर ट्रांजैक्शन को छह माइनर्स के कन्फर्मेशन की जरूरत पड़ती है और इस प्रक्रिया में देरी होती है। ध्यान रहे कि बिटकॉइन माइनर्स की संख्या सीमित है और वक्त के साथ-साथ ट्रांजैक्शन कन्फर्मेशन का काम बढ़ता जा रहा है। इसमें जितनी वृद्धि होती है, उसी अनुपात में कन्फर्मेशन टाइम भी बढ़ता जाता है क्योंकि नेटवर्क बैंडविड्थ में कन्जेशन आ जाता है।
हर तीसरे महीने दोगुनी हो रही फी
बुरी बात तो यह है कि बिटकॉइन ट्रांजैक्शन का चार्ज भी वसूला जाता है और कीमत के आधार पर ही ट्रांजैक्शन की प्रायॉरिटी तय होती है। यानी, जिसने सबसे ज्यादा पैसे दिए, उसका ट्रांजैक्शन सबसे पहले होगा। आंकड़े बताते हैं कि हर तीन महीने में बिटकॉइन ट्रांजैक्शन फी दोगुनी हो जा रही है। Ars Technica के मुताबिक, अभी प्रति ट्रेड फी 26 डॉलर (करीब 1667 रुपये) तक पहुंच गई। मार्केट क्रैश करने पर बिटकॉइन बेचने का ट्रांजैक्शन फी इतना हो जाएगा कि कीमत से ज्यादा बिक्री की लागत आ जाएगी और आपको नुकसान उठाना पड़ जाएगा। हालांकि, एक तथ्य यह भी है कि स्टॉकहोल्डर्स और बैंक्स एक सेकंड से भी कम वक्त में ट्रेड कर लेते हैं और उन्हें 10 डॉलर (करीब 641 रुपये) से भी कम की लागत आती है।
बुलबुला फूटा तो बेचना बेहद मुश्किल
अब कल्पना कीजिए कि किसी दिन कुछ नेगेटिव खबरें आ गईं और बड़े बिटकॉइन होल्डरों में खलबली मच गई तो क्या होगा? पता होना चाहिए कि मुट्ठीभर लोगों ने बिटकॉइन का बड़ा हिस्से पर कब्जा कर रखा है। आंकड़े के मुताबिक, मार्केट का 40% बिटकॉइन महज 1000 लोगों के पास है। ये 1000 लोग जब चाहें मार्केट में तहलका मचा सकते हैं। साल 2000 और 2008 के मार्केट क्रैश से वाकिफ लोगों को पता होगा कि चीजें कितनी तेजी से हुईं। मिनटों में अरबों-खरबों रुपये डूब गए। ऐसे में अगर आज बिटकॉइन को लेकर कुछ बुरी खबर आ जाए और आपको यह खबर एक घंटे बाद पता चले तो सोचिए क्या होगा? तब तक नेटवर्क इतना कंजस्टेड हो जाएगा कि बिटकॉइन बेच पाना लगभग नामुमकिन सा हो जाएगा क्योंकि बिटकॉइन ब्लॉकचेन इस हालात के अनुकूल डिवेलप नहीं है।