Star Khabre, Delhi; 08th February : राजस्थान के कुछ धार्मिक संगठन झांसी की रानी की लाइफ पर बन रही फिल्म ‘मणिकर्णिका’ को लेकर विरोध जता रहे हैं.
राजस्थान के कुछ धार्मिक संगठन झांसी की रानी की लाइफ पर बन रही फिल्म ‘मणिकर्णिका’ को लेकर विरोध जता रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि इसमें रानी लक्ष्मीबाई की जिंदगी से जुड़े तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. लेकिन इन आरोपों का जवाब बाहुबली के राइटर और अब ‘मणिकर्णिकाः द क्वीन ऑफ झांसी’ की कहानी लिखने वाले विजयेंद्र प्रसाद ने दिया है. उन्होंने फिल्म को लेकर सारी बातें साफ करने की कोशिश की है. फिल्म को लेकर हो रही आपत्तियों और चिंताओं पर के.वी. विजयेंद्र प्रसाद ने कहा है, “मणिकर्णिका को लेकर परेशानहोने की जरूरत नहीं है, मैंने उन्हें बहुत ही सम्मानजनक तरीके में चित्रित किया है. वे योद्धा थीं और अंग्रेजों के खिलाफ जंग लड़ी थी. वे मेरी पसंदीदा महिला लीडर हैं. मैं बचपन से उनके बारे में पढ़ता आया हूं. मैं उन्हें हमेशा ही प्रेरणात्मक तरीके से ही पेश करूंगा.”
उन्होंने भरोसा दिलाया कि फिल्म में ऐसा कोई भी सीन नहीं है जो रानी लक्ष्मीबाई की गरिमा को कम करता हो. बल्कि उन्होंने कहा कि वे इस महान नेता को फिल्म में देखकर गर्व ही महसूस करेंगे. विजयेंद्र ने कहा, “फिल्म का टाइटल ‘मणिकर्णिका’ इसलिए है क्योंकि यह उनका नाम था! वे काशी में पैदा हुई थीं और वहां का मणिकर्णिका घाट प्रसिद्ध था इसलिए उनके अभिभावकों ने उन्हें यह नाम दिया. यही नहीं, मैंने अपनी बेटी का नाम भी मणिकर्णिका रखा था, अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मेरे दिल में रानी लक्ष्मीबाई के लिए कितनी रिस्पेक्ट है.”