Star Khabre, Haryana; 21st February : पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने रमन मगसायसाय अवॉर्ड प्राप्त आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की एक अर्जी पर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है। बता दें, घोटालों पर मुखर रुख रखने के लिए विसल ब्लोअर माने गए चतुर्वेदी वही अधिकारी हैं जिनके खिलाफ करीब 7 साल पहले राष्ट्रपति ने आरोपपत्र निरस्त किया था।
चतुर्वेदी ने आरोप लगाया है कि उन्हें उन भ्रष्ट राजनेताओं व अधिकारियों ने निशाना बनाया था, जिनके घोटालों व गलत कामों का उन्होंने भंडाफोड़ किया था। अपनी अर्जी में चतुर्वेदी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मंत्री किरण चौधरी, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव और आईएएस अधिकारी केशनी आनंद अरोड़ा के नामों का उल्लेख भी किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि दस्तावेजों को छिपाने का मतलब सीबीआई जांच को किसी तरह बाधित करना ही है। हाई कोर्ट ने अर्जी पर हरियाणा सरकार को 28 फरवरी के लिए नॉटिस जारी कर जवाब तलब किया गए।
उक्त अर्जी हरियाणा सरकार की उस याचिका के सिलसिले में दायर की गई है, जिसके माध्यम से मांग की गई थी कि चतुर्वेदी द्वारा सामने लाए गए मामलों की सीबीआई जांच के लिए राष्ट्रपति के आदेश और केंद्र सरकार के पैनल की सिफारिशों को निरस्त किया जाए। हरियाणा सरकार ने दावे के साथ कहा है कि पर्यावरण व वन मंत्रालय ने अवैध तरीके से एक कमिटी का गठन किया था जिसने चतुर्वेदी को तो क्लीन चिट दे दी और हरियाणा सरकार के अफसरों पर सवाल खड़े कर दिए। यह भी दावा किया गया है कि कमिटी ने रिपोर्ट तो दे दी, लेकिन उसके अफसरों को अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया। सरकार के मुताबिक, केंद्र सरकार के आदेश असंवैधानिक और न्याय के सिद्धांत के खिलाफ हैं।