Star Khabre, Faridabad; 12th March : कल अखबार की सुर्खियों में एक खबर छाई रही जिसमें लिखा था कि एनआईटी 5 के एक युवक मनोज अरोड़ा ने दोस्त की धोखाधड़ी से तंग आकर कटरा में जाकर जहर खा लिया है, लेकिन समय रहते उसे बचा लिया गया। इस मामले की पड़ताल के लिए हमारे संवाददाता ने जब दूसरे पक्ष मनीश चावला से बात की तो पता चला कि मामला कुछ और है।
क्या है मामला
अखबार की सुर्खियों की माने तो 10 तारीख को एनआईटी 5 के युवक मनोज अरोड़ा ने WhatsApp पर अपना सुसाइड नोट अपने रिश्तेदारों को भेजा। सुसाइड नोट मिलते ही रिश्तेदारों के हाथ पैर फूल गए। उनका कहना है कि उन्होंने तुरंत इसकी सूचना कटरा स्थित होटल प्रबंधन को दी जिससे समय रहते उसकी जान बचा ली गई। मनोज ने सुसाइड नोट में लिखा था कि मेरे एक दोस्त ने जबरदस्ती मेरे से एक करोड़ का चेक ले लिया है और मुझे जान से मारने की धमकी देता है। इस बाबत जब दूसरे पक्ष से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मनोज अरोड़ा द्वारा लगाए गए आरोप सरासर निराधार और झूठे हैं। दरअसल मेरी पत्नी रिम्पी चावला का ग्रुपकृपा के नाम से एक डिपार्टमेंटल स्टोर एनआईटी 5 में है। यह मनोज काफी समय से डिपार्टमेंटल स्टोर से व्यापारिक लेन-देन करता रहा है। मनोज अरोड़ा की दो कैंटीन अलग - अलग शहर में चलती है। एक गुजरात में दूसरी गुड़गांव में जिस कारण यह हमारे डिपार्टमेंटल स्टोर से माल लिया करता था। अब इसके ऊपर एक करोड़ से अधिक की देनदारी तय हो गई थी जिसके चलते इसने खुद ही हमें यह चेक दिया था। लेकिन वह चेक बाउंस हो गया। जिस पर मनोज अरोड़ा को एक लीगल नोटिस भेजा गया। पैसे हजम कर जाने की लालच से मनोज ने यह झूठा खेल खेला है। वह अब इस पैसे को नहीं लौटाना चाहता है। जिसके चलते उसने कुछ लोगों से मिलकर यह साजिश रची। उन्होंने मनोज अरोड़ा के सुसाइड नोट पर भी सवाल उठाए उन्होंने कहा की ऐसा कैसे संभव है कि कोई आदमी किसी को एक करोड़ का चेक 5 महीने पहले दे दे और यदि जबरदस्ती चेक लिया गया था तो उसकी स्टॉप पेमेंट कराई जा सकती थी। जबकि चेक बैलेंस ना होने की वजह से बाउंस हुआ है। इससे पूर्व भी इन्होंने इस साल लगभग ढाई करोड़ की पेमेंट मुझे यानी मेरी पत्नी की फर्म को की है। पिछले 4 सालों से इनके पिता व यह निरंतर हमारे साथ व्यापार कर रहे हैं। जिसका पक्का बिल जीएसटी सहित मेरी पत्नी की फर्म से दिया गया है। जो कि मेरी बैलेंस शीट में भी स्पष्ट है परंतु इस बार उनके मन में लालच व्याप्त हो गई जिस कारण इन्होंने यह झूठी साजिश रची है। मेरे लीगल नोटिस दिए जाने के बाद इन्होंने यह कदम उठाया है। मनीष चावला ने तो यहां तक कहा कि इन्होंने यह साजिश जम्मू में जाकर इसलिए रची क्योंकि इनकी वहां अच्छी पैठ है और यह है मेरी पत्नी की फर्म व मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं साथ ही हमें झूठे मुकदमे में फंसाना चाहते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आवश्यकता पड़ने पर इनकी लिखित शिकायत कमिश्नर महोदय से की जाएगी। हमारे संवाददाता ने इस बारे में मनोज अरोड़ा के चाचा से कुलदीप अरोड़ा से बात की तो उन्होंने बताया की “हमारे पास फोन आया था कि मनोज होटल का दरवाजा नहीं खोल रहा है। जिस पर हमने उन्हें कमरा खोल मनोज के हालात देखने के लिए कहा तो होटल प्रबंधन ने दूसरी चाबी से मनोज कमरा खोला है और उसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था। अगले सवाल पूछे जाने पर उन्होंने परेशान होने की बात कही और कहा कि इस बारे में जानकारी बाद में देंगे फिलहाल अभी हम परेशान हैं” अब यह तो राम ही जाने कि आख़िर सच क्या है लेकिन मनीष चावला द्वारा हमारे संवाददाता को दिखाए गए का दस्तावेज तो यही कहते हैं कि व्यापारिक लेन-देन हुआ है।
गुरुकृपा बैलेंस शीट की छायाप्रति