Star Khabre, Faridabad; 14th March : सैनिक कॉलोनी पिछले कई महीनों से चर्चा का विषय बनी हुई है क्योंकि सैनिक कॉलोनी में निरंतर तोडफ़ोड़, सीलिंग और घोटालों की खबरें चर्चित रही है। आज सैनिक कॉलोनी मामले को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई थी। जिसमें न्यायालय ने फौरी तौर पर सैनिक कॉलोनी वासियों को राहत दे दी है। जिससे कॉलोनी के डायरेक्टर राकेश धुन्ना और याचिकाकर्ता शाहिद रजा को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल सैनिक के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई थी। 12 मार्च को यानी सुनवाई से पहले निगम दस्ता बनाकर सीलिंग की कार्रवाई को अंजाम देने गया था, लेकिन पुलिस ना होने के कारण सीलिंग की कार्रवाई नहीं हो पाई थी। जिस पर सैनिक कॉलोनी निवासी उक्त याचिका में पार्टी बने और उन्होंने सीलिंग की कार्रवाई को रोकने की अर्जी लगाई। सैनिक कॉलोनी वासियों की तरफ से केस की पैरवी कर रही अधिवक्ता मनीषा लांबा ने न्यायालय को यथा स्थिति से अवगत कराया। जिस पर न्यायालय ने सख्त रवैया अपनाते हुए 1 महीने का स्टे सैनिक कॉलोनी निवासियों के पक्ष में दे दिया है। सैनिक कॉलोनी निवासियों व अधिवक्ता मनीषा लांबा के पति राजेश लांबा का कहना है कि न्यायालय ने कहा है कि 1 महीने तक किसी भी प्रकार की ना तो सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी और ना ही कोई तोडफ़ोड़ होगी। इसके साथ-साथ निवासियों को संबंधित दस्तावेज ज्वाइंट कमिश्नर नगर निगम के पास जमा करने होंगे जिससे कॉलोनी वासियों ने राहत की सांस ली है। आपको बता दें कि यह आदेश सैनिक कालोनी के मुख्य केस में आशा रानी व अन्य द्वारा पार्टी बनकर एक एप्लीकेशन डाली गई थी जिस पर न्यायालय ने यह आदेश दिया है। हालांकि सैनिक कालोनी का मुख्य केस अभी न्यायायल में लंबित है। न्यायालय ने यह निर्णय केवल आशा रानी की एप्लीकेशन पर दिया है। अब देखना यह है कि जैसा कि पहले भी कई बार समाचार पत्र, वेब पोर्टल यहां के डायरेक्टर और निगम अधिकारियों की मिलीभगत की चर्चा कर चुके हैं। क्या इस बार भी यह कामयाब होंगे ? या फिर सैनिक कॉलोनी वासी वासियों को न्याय मिल पाएगा।