Star Khabre, Panchkula; 21st March : हरियाणा में नियम 134ए के तहत गरीब बच्चों को दाखिले देने में निजी स्कूलों ने पेंच फंसा दिया है। नेशनल इंडिपेंडेट स्कूल एलाइंस (निसा) ने सरकार पर दाखिलों से पहले पिछले तीन साल की बकाया राशि जारी करने की शर्त रखी है। साथ ही पात्र बच्चों को मुफ्त दाखिलों की जगह वाउचर देने की मांग की ताकि वे मनपसंद स्कूलों में दाखिला ले सकें।
नियम 134ए के तहत सरकार पर बढ़ाया तीन साल के भुगतान का दबाव
निसा के राष्ट्रीय प्रधान कुलभूषण शर्मा ने कहा कि मजबूरन निजी स्कूल संचालकों ने फैसला लिया है कि भुगतान नहीं होने तक 134ए के तहत एडमिशन नहीं दिए जाएंगे। पिछले तीन साल में सरकार ने 134ए के तहत मुफ्त दाखिले देने वाले स्कूल संचालकों को एक रुपये का भी भुगतान नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सोची समझी राजनीति के चलते ऐसी नीतियां बनाई जा रही हैं जिससे स्कूल संचालक व अभिभावक आपस में उलझते रहें और बच्चों को नियम का लाभ नहीं मिल पाए। कुलभूषण शर्मा ने दोहराया कि मुफ्त पढऩे वाले बच्चों की फीस नहीं आने का बोझ बाकी 90 फीसद बच्चों पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि करीब डेढ़ साल पहले स्कूल संचालकों व सरकार की बैठक में सभी बच्चों को एजुकेशन वाउचर देने पर सहमति बन गई थी। इसके बावजूद न तो बच्चों को एजुकेशन वाउचर दिया गया और न ही निजी स्कूल संचालकों को तीन सालों से बकाया राशि मिली है।