Star Khabre, Faridabad; 15th April : एसआरएस बिल्डर ने निवेशकों का रिकॉर्ड जला दिया है। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में यह कबूल किया है। जिस कारण पुलिस आरोपियों की निशानदेही पर उनके रिकॉर्ड को बरामद नहीं कर सकी है। शनिवार को पुलिस ने इस बारे में अदालत को अवगत करवा दिया है। रिमांड खत्म होने पर आर्थिक अपराध जांच शाखा ने आरोपियों को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश वाईएस राठौर की विशेष अदालत में पेश किया। रिमांड की मांग न करने पर अदालत ने 14 दिनों के लिए आरोपियों को न्यायिक हिरासत में नीमका जेल भेज दिया है।
विनोद मामा ने जलाया निवेशकों का रिकॉर्ड:
पुलिस जांच में सामने आया है कि एसआरएस कंपनी में रुपये जमा करने के लिए आरोपी निदेशक सेक्टर-नौ निवासी विनोद मामा निवेशकों को बहकाता था। वह मुख्य सूत्रधार था। आरोपियों ने कबूल किया है कि मुकदमे दर्ज होने के बाद उन्होंने निदेशक विनोद मामा के जरिए निवेशकों का सारा रिकॉर्ड जलवा दिया। इस मामले में पुलिस ने सुबूतों को खुर्द-बुर्द करने की धारा जोड़ दी है। पुलिस रिमांड के दौरान पुलिस आरोपियों को पंचकूला, जट्टारी यूपी, दिल्ली के कृष्णा नगर, प्रहलादपुर और तिगांव लेकर गई थी।
एसआरएस पीड़ित मंच के आरोपों पर जांच अभी आधी-अधूरी
आरोप 1
फरीदाबाद, पलवल और नूंह के लोगों और बैंकों से 30 हजार करोड़ ठगे
जांच में क्या निकला-
अभी तक इस मामले में जांच पूरी नहीं हुई है। हालांकि हाल-फिलहाल में दर्ज हुए 38 मुकदमों में पीड़ित लोगों की रकम 132 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जांच में सामने आई है।
आरोप 2
बैंकों का सात हजार करोड़ रुपए ग्रुप पर बकाया
जांच में क्या निकला: एसआरएस गु्रप के चेयरमैन डॉक्टर अनिल जिंदल ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया है कि उसके गु्रप की विभिन्न कंपनियों पर विभिन्न बैंकों का 1536 करोड़ रुपये बकाया है।
आरोप 3
एसआरएस गु्रप ने 300 से अधिक कंपनी बनाकर रिश्तेदार, दोस्त और कर्मचारियों को निदेशक बनाया
जांच में क्या निकला: पुलिस अनुसंधान में आरोपी बिल्डर ने करीब 18 कंपनी ही अपने गु्रप की बनाई हैं। पीड़ित मंच द्वारा गु्रप की 300 कंपनियों के दावे को आरोपी बिल्डर ने नहीं कबूला
'इस मामले में आरोपी बिल्डर के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं। पुलिस की जांच के दावों में कोई दम नहीं है। पुलिस के आरोप अदालत में साबित नहीं होंगे'
शेखर गुप्ता, अधिवक्ता, एसआरएस बिल्डर
'पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है। आरोपियों के खिलाफ और भी मामले दर्ज हो रहे हैं। पुलिस अभी अपनी जांच को सार्वजनिक नहीं करेगी'
सूबे सिंह, पुलिस प्रवक्ता