Star Khabre, Chandigarh; 05th May : हरियाणा के सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार पर भले ही कितना भी हो-हल्ला मचाया जा रहा, लेकिन पिछले तीन सालों में भ्रष्टाचार के मामलों में कमी आई है। 2015 से 2017 तक तीन साल के भीतर 636 कर्मचारियों व 103 अधिकारियों को भ्रष्टाचार करते हुए पकड़ा गया। हालांकि अभी जनता को उतनी राहत नहीं मिली है, जितनी मिलनी चाहिए।
तीन सालों में 739 अधिकारी व कर्मचारियों पर कसा गया शिकंजा
प्रदेश में तीन सालों के भीतर 739 कर्मचारी व अधिकारी रिश्वत लेते हुए पकड़े गए है। इन तीन सालों में अवकाश अगर छोड़ दिए जाएं तो हर वर्किंग डे में कम से कम दो अधिकारी व कर्मचारी रिश्वत लेते हुए पकड़े जा चुके है। वर्ष 2015 में सबसे अधिक कर्मचारी व अधिकारी रिश्वत लेते हुए तथा भ्रष्टाचार के मामलों में संलिप्त पाए गए है। इस साल 271 मुकदमे दर्ज हुए तथा 317 कर्मचारियों व 45 अधिकारियों को भ्रष्टाचार के केस में शामिल पाते हुए कार्रवाई की गई है। वर्ष 2016 में भी भ्रष्टाचारी अधिकारियों तथा कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई का सिलसिला जारी रहा। इस अवधि में 172 केस दर्ज हुए, जो कि पिछले साल की तुलना में काफी कम रहे। इसी तरह 2016 में 194 कर्मचारियों तथा 39 अधिकारियों को भ्रष्टाचार के मामलों में पकड़ा गया है। यह संख्या भी पिछले साल की तुलना में कमी हुई है।
वर्ष 2017 में सरकार ने भ्रष्टाचारी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त रवैया अपनाया। इसका नतीजा यह हुआ कि इस साल सिर्फ 116 केस दर्ज हुए तथा 125 कर्मचारियों व 19 अधिकारियों को भ्रष्टाचार के मामलों में पकड़ा गया है। वर्ष 2018 में भी सरकार ने ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध मुहिम चलाई हुई है। सभी विभागों में चीफ विजिलेंस अधिकारी नियुक्त किए जा चुके है।