Star Khabre, Faridabad; 22 September : जी हां इस बार आगामी पांच सालों में नगर निगम सदन में 1 नहीं बल्कि 2 या 5 मेयर दिखाई दे सकते हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार एक योजना तैयार कर रही है। दरअसल निगम चुनावों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार निगम क्षेत्रों के लिए चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों के पर कतरने के मूड में दिखाई दे रही है। योजना के अनुसार प्रदेश में जितने भी नगर निगम हैं उनमें आसीन मेयरों का कार्यकाल 5 साल से घटाकर एक साल या ढाई साल कर दिया जाए, ताकि सरकारी अफसरों और जनप्रतिनिधियों के बीच अक्सर होने वाली खींचतान की वजह से कोई प्रोजेक्ट लेट न हो। अब यदि मेयर का कार्यकाल का एक वर्ष निर्धारित हुआ तो पांच साल में 5 मेयर चुने जाएंगे। जबकि यदि कार्यकाल ढ़ाई वर्ष निर्धारित हुआ तो 2 मेयर चुने जाएंगे। हालांकि इस प्रस्ताव को सिरे से चढ़ाने से पूर्व प्रदेश सरकार ने निगम अफसरों व जनप्रतिनिधियों से इस संबंध में सुझाव मांगा है।
प्रदेश सरकार का मानना है कि इस प्रस्ताव के बाद जनप्रतिनिधियों में से कई लोगों को इस पद पर आसीन होने का मौका मिलेगा। शहरी स्थानीय निकाय के निदेशक पंकज अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में कुल 9 नगर निगम हैं, जहां मेयर का चुनाव होता है। इनमें फरीदाबाद, गुडग़ांव, पंचकुला, अंबाला, यमुना नगर, पानीपत, रोहतक, हिसार और करनाल शामिल हैं। इन सभी निगमों में मेयर का चुनाव 5 साल के लिए होता है।
अफसरों का कहना है कि ज्यादातर निगमों में यह देखा जा रहा है कि जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों और अफसरों का अलग-अलग गुट बन जाता है। इससे किसी भी प्रोजेक्ट पर सदन में मंजूरी मिलने में खींचतान चलती रहती है। इसके अलावा फाइनैंस कमेटी में किसी भी प्रोजेक्ट को बेवजह रोक दिया जाता है। इससे नगर निगम अपने उद्देश्यों की पूर्ति नहीं कर पा रहा है। यानी शहरी क्षेत्र में विकास की गति एक तरह से मंद पड़ गई है। इसलिए अब सरकार का मानना है कि मेयर का कार्यकाल एक या ढाई साल तक सीमित कर देने के बाद दूसरे जनप्रतिनिधियों को भी इस पद पर आसीन होने का मौका मिलेगा और गुटबाजी खत्म होगी। इससे शहरी क्षेत्रों के लिए बने कोई प्रोजेक्ट लंबे समय तक फाइनैंस कमेटी में अटका भी नहीं रहेगा। फाइनैंस कमेटी व सदन में जितनी जल्दी प्रोजेक्ट पर मंजूरी मिलेगी, उतनी जल्दी सरकार उस प्रोजेक्ट पर मंजूरी दे सकती है। दूसरी तरफ, मेयर का कार्यकाल घटाकर एक साल या ढाई साल करने के प्रस्ताव पर सरकार ने सभी निगम अधिकारियों से सुझाव मांगा है। अफसरों को सुझाव हफ्ते भर में भेजने को कहा गया है। बताया जाता है कि अधिकारियों का सुझाव अगर इस मामले में सकारात्मक होता है, तो सरकार मेयर का कार्यकाल घटा सकती है।