Shikha Raghav (Star Khabre), Faridabad; 12th October : विजयदशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है लेकिन पर्व मनाने को लेकर पिछले कई सालों से दो पक्षों में विवाद नजर आ रहा है। इस वर्ष भी दोनों पक्षों में विवाद पिछले कई दिनों से चल रहा था। प्रशासन द्वारा दोनों पक्षों को दशहरा पर्व मनाने की इजाजत दे दी गई। दशहरे से एक दिन पूर्व यानि सोमवार-मंगलवार रात को एक पक्ष ने दशहरा मनाने से इंकार कर दिया और अपने पुतलों के सिर काटकर वह अपने घर ले गए। जबकि पुतलों का शेष धड़ वह ग्राउंड में ही छोडक़र चले गए। वहीं दूसरे पक्ष ने प्रशासन के निर्देशों को मानते हुए दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया। स्टार खबरें के एक संवाददाता ने पूरी रात दशहरा मैदान में रूककर इस पूरे विवाद की कवरेज की।
फरीदाबाद धार्मिक एवं सामाजिक संगठन व श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर कमेटी के बीच पिछले कई वर्षों से दशहरा पर्व को लेकर खींचतान चली आ रही है। इस वर्ष भी पिछले कई दिनों से दशहरा पर्व को लेकर दोनों पक्षों के बीच खींचतान देखी गई लेकिन प्रशासन ने दोनों पक्षों को एनआईटी दशहरा ग्राउंड में दशहरा पर्व मनाने की इजाजत दे दी। माना जा रहा था कि दोनों पक्षों को इजाजत मिलने के बाद अब इनमें विवाद नहीं होगा लेकिन विवाद कहां समाप्त होने वाला था। दशहरे से एक दिन पूर्व यानि सोमवार-मंगलवार रात को एक नए विवाद ने जन्म ले लिया और दशहरा मैदान में माहौल तनावपूर्ण हो गया।
क्या था विवाद
सोमवार सुबह लगभग 7 बजे फरीदाबाद धार्मिक एंव सामाजिक संगठन का एक पुतला एनआईटी दशहरा मैदान में पहुंच गया। जबकि दोपहर 12 बजे खुशरंग दशहरा कमेटी, 2 नंबर, बी ब्लॉक का पुतला मैदान में पहुंचा। इसके करीब एक घंटे बाद यानि करीब एक बजे श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर कमेटी का पुतला भी मैदान में पहुंच गया और साथ-साथ राहुल कालोनी के बच्चों द्वारा तैयार किया गया एक पुतला भी मैदान में लाया गया। फरीदाबाद धार्मिक एवं सामाजिक संगठन और राहुल कालोनी का पुतला बीके अस्पताल की तरफ खड़े करने के लिए तैयारी की जा रही थी। जबकि श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर कमेटी और खुशरंग दशहरा कमेटी द्वारा अपने पुतले मैदान के बीचोंबीच खड़े करने की तैयारी की जा रही थी। दोपहर लगभग तीन बजे एसीपी एनआईटी शाकिर हुसैन ने दशहरा मैदान का जायजा लिया और जनता की सुरक्षा को देखते हुए श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर कमेटी और खुशरंग दशहरा कमेटी को अपने पुतले बीके अस्पताल की तरफ लगाने के निर्देश दिए लेकिन कमेटी पदाधिकारियों ने पुतले वहां लगाने से मना कर दिया। इसके बाद डीसीपी रमेश पाल मौके पर पहुंचे और मंदिर कमेटी व खुशरंग दशहरा कमेटी को समझाने का प्रयास किया लेकिन वह अपने पुतले दशहरा मैदान के बीचोंबीच लगाने की जिद पर अड़े रहे। पुलिस प्रशासन ने बार-बार जनता की सुरक्षा का हवाला दिया लेकिन उसके बाद भी जब वह नहीं माने तो विवाद को बढ़ता देख पुलिस प्रशासन ने जिला प्रशासन से संपर्क किया और जिला उपायुक्त के आदेश पर दशहरा मैदान में रात को करीब साढ़े आठ बजे नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे। नायब तहसीलदार ने भी मंदिर कमेटी व खुशरंग दशहरा कमेटी को समझाने का प्रयत्न किया लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद दशहरा मैदान में करीब 11 बजे अतिरिक्त जिला उपायुक्त जितेन्द्र दहिया पहुंच गए और उन्होंने मंदिर कमेटी व खुशरंग दशहरा कमेटी को साफ शब्दों में कह दिया कि जनता की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। वह पुलते बीके अस्पताल की ओर ले आए। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने दोनों पक्षों को दशहरा पर्व मनाने की इजाजत दी है। दोनों पक्ष अपना-अपना पर्व मनाएं लेकिन जनता की सुरक्षा का भी ध्यान रखें। इस पर भी श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर के प्रधान राजेश भाटिया अपनी जिद पर अड़े रहे। उनका कहना था कि या तो वह अपने पुतले बीच मैदान में ही लगाएंगे या फिर उन्हें उठाकर अपने घर ले जाएंगे। फिर भी जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन उन्हें समझाने का प्रयास करता रहा।
वहीं पूर्व विधायक व श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर के प्रधान राजेश भाटिया के भाई चंदर भाटिया करीब 12 बजे राजेश भाटिया के समर्थन में दशहरा मैदान पहुंच गए और अतिरिक्त उपायुक्त व डीसीपी से बात करने लगे। एडीसी व डीसीपी ने उन्हें समझाया कि मैदान के बीचोंबीच पुतले लगाने से जनता की सुरक्षा को खतरा है, क्योंकि जनता के लिए मैदान छोटा पड़ जाएगा। रावण दहन के बाद वैसे ही बाहर निकलने के लिए लोगों को जल्दी होती है। जिला प्रशासन ने यहां तक कहा कि दोनों पक्षों के पुतलों के बीच 100 फुट की दूरी रखी जाएगी और बीच में बैरिगेट लगा दिए जाएंगे ताकि दोनों पक्षों के पुतले अलग रहे लेकिन उसके बावजूद भी चंदर भाटिया अपने भाई के समर्थन में ही बोलते रहे।
केन्द्रीय मंत्री के बारे में क्या बोले चंदर भाटिया
पूर्व विधायक चंदर भाटिया ने अतिरिक्त उपायुक्त व डीसीपी से कहा कि केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर राजनीति कर रहे हैं जोकि सही नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के इस निर्देश को यदि वह मान भी ले तो यहां फिर झगड़ा होना तय है और यह भी हो सकता है कि भीड़ में से कोई व्यक्ति कृष्णपाल गुर्जर को जूता फेंककर मार दें।
क्या हुआ फैसला
जब रात करीब एक बजे तक मंदिर कमेटी के प्रधान राजेश भाटिया अपनी जिद पर ही अड़े रहे तो जिला प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाते हुए राजेश भाटिया को साफ कर दिया कि जनता की सुरक्षा से बड़ा उनके लिए कुछ नहीं है और उन्हें अपने पुतले बीके अस्पताल की ओर ही लाने होंगे तो राजेश भाटिया ने दशहरा मनाने से इंकार कर दिया और रात को करीब डेढ़ बजे वह अपनी जिद के चलते पुतले का सिर काटकर अपने साथ ले गए।
राजेश भाटिया के समर्थक दोपहर को लेने पहुंचे थे पुतलों का धड़
श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर कमेटी के प्रधान राजेश भाटिया के समर्थक दोपहर करीब 1 बजे दशहरा मैदान में अपने पुतलों के धड़ लेने पहुंच लेकिन पुलिस प्रशासन ने दशहरा मैदान में लोगों की भीड़ व उनकी सुरक्षा को देखते हुए पुतले का धड़ देने से इंकार कर दिया। आपको बता दें कि जब रात करीब 2 बजे राजेश भाटिया अपने पुतलों के धड़ को बीच मैदान में ही छोडक़र चले गए थे, तब पुलिस प्रशासन ने अपनी के्रन बुलाकर उन पुतलों को मैदान के कोने में रख दिया, ताकि दशहरा देखने आने वाली जनता को सुबह कोई परेशानी न हो और जगह मिल सके।
फिर भी धूमधाम से मना दशहरा
दशहरा पर्व हर वर्ष की तरह इस बार भी धूमधाम से मनाया गया। फरीदाबाद धार्मिक एवं सामाजिक संगठन की ओर से दशहरा पर्व बेहतर मनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई। इस मौके पर मुख्यातिथि के रूप में केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, सीपीएस सीमा त्रिखा उपस्थित थे। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता ओपी शर्मा ने की। जबकि विशिष्ठ अतिथियों में मुनिराज महाराज, अश्विनी त्रिखा, अतुल त्रिखा, क्राऊन गु्रप से आर एस गांधी, भाजपा उपाध्यक्ष राजकुमार वोहरा, आईटी सैल के अध्यक्ष अमित आहूजा, मंडल अध्यक्ष बिश्म्बर भाटिया मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान फरीदाबाद धार्मिक एवं सामाजिक संगठन की चेयरपर्सन राधा नरूला व प्रधान जोगेन्द्र चावला ने लोगों को दशहरा पर्व की बधाई दी।
इस मौके पर विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी मोहन सिंह भाटिया (भाटिया सेवक समाज), दौलत राम चड्डा (फे्रंडस सोशल वर्कस), मुकेश मल्होत्रा (फे्रंडस सोशल वर्कस), मोहन लाल अरोड़ा (श्री शक्ति सेवा दल), संजय आहूजा (प्रधान, आरडब्लयूए 1 एच ब्लॉक), मनोहर लाल वधवा (श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर के पूर्व पदाधिकारी) सहित अनेक पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे। इसके अलावा गुलशन बग्गा, अधिवक्ता दलपत सिंह, युवा समाजसेवी ओपी भाटी, सरदार जसवंत सिंह, मुकेश शर्मा, बसंत गुलाटी, अनिल भाटिया, महेश पाहूजा, रामकुमार तिवारी, जयपाल शर्मा, दलजीत सिंह, पकंज वोहरा, करण बांगा, संदीप अरोड़ा, मोनू पांडे, संदीप भाटिया, कवल खत्री, मन्नू सिंह, संजय अरोड़ा, संचित अरोड़ा, ओमप्रकाश गौड़, राधेश्याम भाटिया, ओमप्रकाश ढींगड़ा, संदीप कौर, मक्खन सिंह, उमंग दूबे, बलराज, बब्बू खत्री, राकेश चावला (काले), गौतम शर्मा, पवन अरोड़ा, अक्षय लखानी, राधेश्याम चेयरमैन, सोनी भाटिया, हरमीत भाटिया, गोल्डी, रोमी भाटिया, सुमन रेखा कपूर, योगिता चुघ, शालिनी मेहता, नीरज मिगलानी मौजूद रहे।
क्या कहते हैं अधिकारी
माहौल शांतिपूर्ण रहा। हमने सभी संस्थाओं के पदाधिकारियों से कहा था कि पुतलों को बीके अस्पताल की दीवार से 100 फुट दूरी पर खड़े किए जाए। हनुमान मंदिर कमेटी के लोग चाहते थे कि मैदान परिसर के बीचोंबीच ही पुतले लगा दिए जाए, इसलिए उन सभी को समझाया गया। व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक ही दिशा में पुतले जलाने के निर्देश दिए गए थे।
जितेन्द्र दहिया, अतिरिक्त उपायुक्त
प्रशासन की ओर से दोनों संगठनों को पुतला दहन करने की अनुमति दी गई थी। किसी संगठन को दशहरा मनाने से नहीं रोका गया। दशहरा मैदान में ज्यादा से ज्यादा लोग सुरक्षित माहौल में पुतला दहन देख सकें और उस समय भगदड़ न मचे, इसलिए ग्राउंड के बीच में पुतला खड़ा करने की बजाय एक तरफ साइड में पुतला खड़ा करने को कहा गया था।
रमेश पाल, डीसीपी, एनआईटी
दशहरे से एक दिन पहले रात को दोनों पक्षों को एक ही दिशा में पुतले खड़े करने के निर्देश दिए गए थे ताकि दशहरा मैदान में जनता को सुरक्षा पूर्ण माहौल दिया जा सके। लोगों की सुरक्षा के लिए मैदान में पुलिस बल मौजूद रहा। दशहरा पर्व शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ।
शाकिर हुसैन, एसीपी, एनआईटी
क्या कहते हैं सत्ताधारी
“शहर में सैंकड़ो रावण जलाए जा रहे हैं। एक और जलता तो क्या फर्क पड़ता। यह राजनीतिक देष भावना के तहत कहा जा रहा है। प्रशासन को लगा कि बीच मैदान में रावण जलाना सुरक्षित नहीं है तो उन्होंने एक तरफ सभी पुतले लगाने के निर्देश दे दिए। जिस कार्यक्रम में हमने शिरकत की थी, वहां रावण एक तरफ लगे हुए थे”
कृष्णपाल गुर्जर, केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री, भारत सरकार
“मैं राजनीतिक प्राणी न होकर, सबसे पहले शहर की बेटी हूं। बेटियां सबसे पहले अपने परिवार को संपूर्ण करने में जुटती है, इस पूरे प्रकरण में मेरा कोई हाथ नहीं हैै। किसी अधिकारी से कुछ नहीं कहा गया है। जनता की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने बीच मैदान से पुतले हटाकर मैदान में एक तरफ पुतले लगाने को कहा था। प्रशासन ने दशहरा मनाने से किसी भी संगठन को नहीं रोका”
सीमा त्रिखा, मुख्य संसदीय सचिव, हरियाणा सरकार
“एनआईटी दशहरा मैदान के कार्यक्रम में मैं मुख्यातिथि नहीं था। इसलिए मैं वहां नहीं गया। अधिकारियों से बस मैने इतना कहा था कि वहां दशहरा कार्यक्रम सौहार्दपूर्ण माहौल में हो सके। बाकी सभी बातें बिना सिर पैर की हैं”
विपुल गोयल, उद्योग मंत्री, हरियाणा सरकार
क्या कहते हैं श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर के प्रधान राजेश भाटिया
एक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार राजेश भाटिया का कहना है कि हमने मंंदिर कमेटी की ओर से दशहरा मनाने की तैयारी की थी। मौके पर हमारे दशहरे कार्यक्रम को खराब करने की कोशिश की गई। हमने जिला प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया। मैं पूर्व विधायक का भाई हूं, इसलिए दशहरा मनाने को लेकर राजनीति की गई है।