Star khabre, Chandigarh; 19th October : चंडीगढ़ यूटी प्रशासन द्वारा 4,000 से अधिक घरों को सौर ऊर्जा पैनल लगाने के आदेश पर शहर में भारी असंतोष फैल गया है। प्रशासन ने 500 वर्ग गज और उससे अधिक के घरों के मालिकों को नोटिस जारी करते हुए दो महीने के भीतर सोलर पैनल न लगाने पर संपत्ति जब्त करने की धमकी दी है। यह कदम चंडीगढ़ बिल्डिंग रूल्स (शहरी) के अनुपालन के तहत उठाया गया है, लेकिन कई स्थानीय निवासी इसे प्रशासन की मनमानी और जबरदस्ती बता रहे हैं।
निवासियों में गुस्सा
सेक्टर 21 के निवासी मोहिंदर प्रताप सिंह ने बताया कि उन्हें भी नोटिस मिला है, जबकि उनका घर 500 वर्ग गज की सीमा में नहीं आता। उन्होंने कहा, “प्रशासन नागरिकों को धमकाने के बजाय पहले सरकारी इमारतों में सौर पैनल लगाने से शुरुआत करे। यह परियोजना फायदेमंद हो सकती है, लेकिन जिस तरीके से इसे थोपा जा रहा है, वह गलत है। हमें अपने घरों के साथ क्या करना है, यह चुनने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।”
संगठनों ने उठाई आवाज
चंडीगढ़ रेजिडेंट्स एसोसिएशन वेलफेयर फेडरेशन (CRAWFED) के चेयरमैन तेज पुरी ने भी प्रशासन के इस कदम की आलोचना की। उन्होंने कहा, “जब ये संपत्तियां हमें आवंटित की गई थीं, तब ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। अब अचानक इसे लागू करना अनुचित है। इमारतों में छत के अधिकार केवल ऊपरी मंजिल पर रहने वालों के पास होते हैं, तो इसका समन्वय कैसे होगा?”
फेडरेशन ऑफ सेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन (FOS-WAC) के अध्यक्ष बलजिंदर सिंह बिट्टू ने भी वित्तीय बोझ का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, “सोलर पैनल लगाना एक महंगा निवेश है, और हर कोई इसे वहन नहीं कर सकता। प्रशासन का यह कदम लोगों को डराने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।”
सुरक्षा और संरचनात्मक चिंताएं
कई निवासियों ने पैनल इंस्टॉलेशन के दौरान होने वाली सुरक्षा चिंताओं पर भी प्रकाश डाला। तेज पुरी ने कहा, “पैनल लगाने के लिए उचित सीढ़ियों का अभाव एक बड़ा सुरक्षा खतरा है, खासकर बुजुर्गों के लिए।” वहीं, कुछ निवासियों का मानना है कि अगर प्रशासन समय पर सब्सिडी प्रदान करता, तो लोग स्वेच्छा से इस योजना को अपनाते।
यूटी के फैसले पर लोगों की अलग-अलग राय
हालांकि, कुछ निवासियों ने इस पहल का समर्थन भी किया। सेक्टर 19 के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष, ए.के. धडवाल ने इसे एक अच्छा कदम बताया और कहा कि यह पहल भविष्य में ऊर्जा की बचत में मददगार साबित हो सकती है। उन्होंने कहा, “अगर हमें सब्सिडी मिलती है, तो यह योजना किफायती हो सकती है, लेकिन इसे अनिवार्य बनाना सही नहीं है।” यूटी प्रशासन की सौर पैनल लगाने की योजना ने शहर में हलचल मचा दी है। जहां कुछ लोग इसे पर्यावरण के हित में मानते हैं, वहीं अधिकांश इसे अचानक और अनुचित कार्रवाई बता रहे हैं।
News Source : DainikBhaskar