Shikha Raghav, Faridabad; 10th March : अब पार्षदों को अपने-अपने वार्ड में विकास कार्य करवाने के लिए अधिकारियों का मोहताज नहीं होना पड़ेगा। नगर निगम की तरफ से बजट में प्रत्येक पार्षद को अपने वार्ड में विकास कार्य के लिए दो करोड़ रुपए मिलेंगे। वह अब जनता के अनुरूप वार्ड का विकास करवा सके। केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने जब अपनी यह बात निगम सदन की पहली बैठक में रखी तो सभी पार्षद खुशी से खिल उठे और केन्द्रीय राज्यमंत्री के इस सुझाव का मेज थपथपाकर स्वागत किया।
नगर निगम सभागार में आयोजित निगम सदन की पहली बैठक में आज केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर सभी पार्षदों के बीच उपस्थित रहे और उन्हें अपना अनुभव बताते हुए कहा कि वह वर्ष 1994 के प्रथम नगर निगम सदन में पार्षद चुनकर पहुंचे थे और इसी नगर निगम से अपनी चुनावी राजनीति की शुरूआत की थी। कृष्णपाल गुर्जर आज नगर निगम सदन में पदेन सदस्य के रुप में उपस्थित हुए। कृष्णपाल गुर्जर ने जब पार्षदों के ऐचिछक कोष का प्रस्ताव रखा। तो मेयर सुमन बाला और निगम कमिश्रर सोनल गोयल ने सभी पार्षदों को 2-2 करोड रुपए का ऐचिछक कोष आवंटित किए जाने की घोषणा की। इसके अलावा नगर निगम सदन में केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि सदन में भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों का बहुमत है। इसलिए सदन को शांतिपूर्ण ढंग से चलाने की जिम्मेदारी भी भाजपा के पार्षदों की है। पार्षद आपस में कटुता न बनाएं। सौहार्द का वातावरण बनाए। झगड़ा करना हमारा मकसद नहीं है। हमारा सरोकार विकास कार्यों तक होना चाहिए।
निगम सदन की बैठक में यह दिए गए सुझाव
– भाजपा के पार्षदों को चाहिए कि वह विपक्ष के पार्षदों को साथ लेकर सभी वार्डों का समान विकास करवाएं। नगर निगम में भाजपा की महापौर बनने के बाद शहर में परिवर्तन नजर आना चाहिए। पार्षद और अधिकारी ईमानदारी से काम करें। हर कार्य की समय-सीमा तय की जाए।
– नगर निगम की सभी वित्तीय स्वीकृतियां चुनी हुई बॉडी से करवाई जाए। एक हाई पावर परचेज कमेटी बनाई जाए। जिसकी अध्यक्षता महापौर करेंगी। यह कमेटी टेंडर के बाद ठेकेदार से नेगोसिएशन भी करेगी। ताकि दरें कम करवाई जा सके।
– नगर निगम काफी समय से अनुदान पर चल रहा है पार्षदों को जनता वोट देती है और जनता को काम चाहिए। अगर नगर नगर निगम के पास पैसा नहीं होगा तो काम कहां से होगा। इसलिए अधिकारी और पार्षद नगर निगम की आमदनी बढ़ाने के प्रस्तावों व सुझावों पर काम करें।
– वार्ड कार्यालयों में सफाई कर्मचारी, माली और अन्य कर्मचारियों की काफी शिकायतें आ रही हैं। अधिकारी मंथली लेकर कर्मचारियों को छुट्टी दे देते हैं। इसलिए हर वार्ड में बायोमीट्रिक हाजरी शुरू की जाए।
– विकास कार्यों के लिए तब तक भुगतान नहीं किया जाए। जब तक नगर निगम का संबंधित पार्षद यह अंडरटेकिंग न दे दे कि विकास कार्य संतोषजनक हुआ है।
– नगर निगम को चाहिए कि सोडियम लाइटों की जगह एलईडी लाइट लगाई जाए। ताकि बिजली बिल की बचत हो और लोगों को रोशनी भी बेहतर मिले।
– अधिकारी समय सीमा तय कर के शहर में पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगवाएं। पॉलिथीन की अधिकता के कारण शहर की नाली और सीवर लाइनें बुरी तरह जाम हो चुकी हैं।
– आरएमसी की सडक़ें बनने के कुछ समय बाद ही टूट जाती हैं। लोग लोग अक्सर आरएमसी सडक़ों की खामियां बताते हुए नजर आते हैं। अधिकारी आरएम्सी सडक़ों की गुणवत्ता सुनिश्चित करें।
– विकास कार्यों में अधिकारी और ठेकेदार लापरवाही बरतते हैं और बदनामी सरकार की होती है। इसलिए अधिकारी तय करें कि काम गुणवत्ता के साथ हो रहा है या नहीं।
– अधिकारी सुनिश्चित करें कि मार्च के अंत तक रेनीवेल का पानी उन सभी वार्ड और क्षेत्रों में पहुंच जाएं। जहां पानी की किल्लत है।