Shikha Raghav, Faridabad; 07th January : फरीदाबाद नगर निगम चुनाव में वार्ड 11 से खड़े निर्दलीय उम्मीदवार राजेश भाटिया के ही परिवार पर लगे कई गंभीर आरोप चुनाव में विपक्षियों के लिए चुनावी मुद्दा बना हुआ है। राजेश भाटिया परिवार पर लगे आरोप चुनाव में प्रत्याशी राजेश भाटिया को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं। या यूं कह लो कि यह आरोप उन्हें चुनावी हार की ओर लेकर जा रहे हैं। राजेश भाटिया वैसे तो इस क्षेत्र से एक बार पार्षद रह चुके हैं लेकिन इस बार लोगों को अपने साथ जोडऩे में उन्हें खासी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है और इसका मुख्य कारण उनके सगे भाई पर लगे संगीन आरोप हैं। क्षेत्र की जनता का कहना है कि वह राजेश भाटिया पर कैसे विश्वास कर सकते हैं क्योंकि राजेश भाटिया तो हमेशा अपने सगे भाईयों का ही साथ देंगे न की उनका, बेशक राजेश भाटिया को पता हो कि उनके भाई गलत है।
वार्ड 11 नगर निगम चुनाव 2017 में जनरल वार्ड है। इस वार्ड से इस बार चुनावी मैदान में भाजपा प्रत्याशी मनोज नासवा, बसपा प्रत्याशी चन्द्रवीर, निर्दलीय कुणाल भड़ाना, चंद्रमोहन, विजेंद्र गोला,मनोज कुमार, रजनीश ढींगड़ा, रणजीत सिंह, राजेश भाटिया व सुदेश लखानी मैदान में हैं।
राजेश भाटिया परिवार पर पिछले पांच वर्षों से तरह-तरह के संगीन आरोप लगते आए हैं जिसका विपक्षी जमकर प्रचार कर रहे हैं। विपक्षियों द्वारा किए जा रहे प्रचार के अनुसार कुछ समय पहले राजेश भाटिया के भाई मनोज भाटिया का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें राजेश भाटिया के भाई के साथ पैसो के लेन-देन मामले में लोग मारपीट कर रहे थे। हालांकि इस वीडियों का राजेश भाटिया ने उस समय इसका खंडन किया था कि इस वीडियों में जो लडक़ा है वह उनका भाई नहीं है लेकिन क्षेत्र की जनता मनोज भाटिया को पहचानती है और जानती भी है। क्षेत्र की जनता का कहना है कि मनोज भाटिया उस वीडियो वायरल के बाद लगभग 4 से 5 महीने के लिए गायब हो गए थे और दोस्तों को फेसबुक और व्हाट्सएप्प के माध्यम से मैसेज आने भी अचानक से बंद हो गए थे। अभी यह मामला उस समय शांत भी नहीं हुआ था कि राजेश भाटिया के इसी भाई मनोज भाटिया पर एक और संगीन मामला दर्ज हो गया। इस मामले के अनुसार मनोज भाटिया पर आत्महत्या के लिए उकसाने और जुआ खिलाने (कैसिनो) के आरोप लगे। फरवरी 2014 में 2 नंबर डी ब्लॉक के एक प्रतिष्ठित परिवार के इकलौते बेटे ने ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी। परिवार ने पुलिस में दर्ज शिकायत में राजेश भाटिया के भाई मनोज भाटिया को इसका आरोपी बताया था जिसके चलते उस समय समाज में भाटिया परिवार की बहुत किरकिरी हुई थी। परिवार का आरोप था कि मनोज भाटिया जुआ (कैसिनो) खिलाता था जिसके चलते उनके बेटे को जुए की आदत पड़ गई और वह यहां काफी पैसे हार गया। मनोज ने लगातार उनके बेटे पर पैसे देने का दबाव बनाया जिसके कारण मेरे बेटे को आत्महत्या करनी पड़ी। अभी भी यह मामला फरीदाबाद न्यायालय में लंबित है।
अब बात करें चुनाव की तो निर्दलीय प्रत्याशी राजेश भाटिया को उनके परिवार पर लगे यह आरोप काफी नुकसान दे रहे हैं। जबकि इसी वार्ड से खड़े भाजपा प्रत्याशी मनोज नासवा साफ छवि के कारण क्षेत्र की जनता के चेहते बने हुए हैं। क्षेत्र की जनता मनोज को खास पसंद कर रही है। भाजपा प्रत्याशी मनोज नासवा के साथ भारतीय जनता पार्टी का कैडर वोट बैंक भी जुडा हुआ है। साथ ही साथ बड़े भाजपा नेताओं का राजनैतिक अनुभव उनके लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है। इसके अलावा मनोज नासवा सुशिक्षित व ईमानदार छवि के व्यक्ति हैं, इसलिए क्षेत्र की जनता मनोज नासवा को पसंद कर रही है। जबकि राजेश भाटिया के पास किसी पार्टी का कोई वोट बैंक नहीं है और ऊपर से परिवार पर लगे आरोप उन्हें और नुकसान पहुंचा रहे हैं।
खैर कुछ भी हो फैसला तो कल ही होगा लेकिन यहां की जनता को विश्वास है कि उन्हें ईमानदार और स्वच्छ छवि का ही पार्षद मिलेगा।