Star khabre, Faridabad; 22nd February : हरियाणा की प्राचीन धरोहर से जुड़ी दुर्लभ कलाकृतियों के संरक्षण और प्रदर्शन के लिए 38 वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला परिसर में लगाई गई प्रदर्शनी पर्यटकों विशेषकर स्कूली विद्यार्थियों के लिए न केवल ज्ञानवर्धक जानकारी का अनमोल खजाना है, साथ ही मेला में आने वाले दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। मेला में आने वाला प्रत्येक पर्यटक पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की स्टाल का अवलोकन कर रहा है।
हरियाणा में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी और विरासत एवं पर्यटन मंत्री डा. अरविंद कुमार शर्मा के कुशल नेतृत्व में कला और संस्कृति को निरंतर बढ़ावा मिल रहा है। ऐतिहासिक धरोहर और खुदाई के दौरान मिली प्राचीन दुर्लभ कलाकृतियों के संरक्षण को लेकर विभाग सजगता के साथ कार्य कर रहा है। विभाग द्वारा पर विशेष रूप से एक दर्जन से ज्यादा प्राचीन मूर्तियों की रेप्लिका प्रदर्शित की गई है। यह प्रदर्शनी हर पर्यटक के लिए ऐतिहासिक जानकारी प्रदान करने का बेहतर प्लेटफार्म बनी हुई है। प्रदर्शनी में विभाग के अधिकारी व कर्मचारी आगंतुकों को प्राचीन मूर्तियों, अवशेषों की बारीकी से जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
इन प्रदर्शनी में विशेषकर झज्जर और बेरी क्षेत्र में निकली कई प्राचीन मूर्तियों की रेप्लिका जैसे की हरिहर की मूर्ति, उमा माहेश्वर भगवान, गौतम बुद्ध भगवान की प्रतिमा बरबस की पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींच रही हैं।
पुरातत्व विभाग द्वारा स्थापित इस स्टाल में बेरी में निकली नौंवी सदी में निकली उमा माहेश्वर और दसवी व 11 वीं सदी की हरिहर की मूर्ति और झज्जर में निकली भगवान गौतम बुद्ध की मूर्ति शामिल हैं। प्रदर्शनी में मूर्तियों के अलावा सोविनियर के अंतर्गत माउस पैड, एनवलप, मग, पेपर वेट, फ्रीज मेगनेट, की-चैन भी प्रदर्शित किए गए हैं, जोकि पर्यटकों के लिए बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। साथ ही पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग द्वारा पोस्टर व किताबों के माध्यम से भी पर्यटकों के लिए ज्ञानवर्धक जानकारी प्रदान की जा रही है।
सूरजकुंड में शिल्पकला के साथ दुर्लभ कलाकृतियों से रूबरू हो रहे पर्यटक

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