Star khabre, Faridabad; 25th April : अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) साहिल गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा बाल विवाह रोकथाम के लिए जिला में कमेटियों का गठन किया गया है, जो लोगों को कानूनी जानकारी देकर जागरूक कर रही हैं। अधिकारियों को इसके दुष्परिणामों की जानकारी देने के निर्देश भी दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार लड़की की शादी 18 वर्ष व लड़के की शादी 21 वर्ष से पहले की जाती है, तो वह कानूनन अपराध है। एक्ट के तहत बाल विवाह के आयोजन में भागीदार सभी लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी जिसके तहत दो साल की जेल व एक लाख रूपए तक के जुर्माने का भी प्रावधान है।
उन्होंने बताया की जिला स्तर पर गठित कमेटियों अलग अलग क्षेत्र में जा कर पुजारी, पाठी, गांव के पंच, सरपंच, नंबरदार व शहरों में नगर पार्षदों एवं सामुदायिक केन्द्र, सार्वजनिक भवन, बैंकट हाल, मैरिज पैलेस, धर्मशाला इत्यादि के मालिक/प्रभारियों कार्ड प्रिंटिंग, फोटोग्राफर, बैंड बाजा व टेंट हाउस आदि के संचालकों एवं अन्य लोगो को बाल विवाह का समर्थन न करने के लिए जिला की सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर सुपरवाईजर, आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर द्वारा जनजागरण मुहिम चला रहे है। उन्होंने आमजन से अपील की कि यदि किसी को अपने आस-पास बाल विवाह की जानकारी मिले, तो वे तुरंत 1098 (चाइल्डलाइन हेल्पलाइन) या स्थानीय पुलिस थाना/ब्लॉक कार्यालय में सूचना दे सकते हैं। जिला नियंत्रण कक्ष भी 24×7 इस विषय पर सतर्क रहेगा।
बॉक्स
बाल विवाह ने करने के खिलाफ चल रही जागरूकता मुहीम के तहत आज अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) साहिल गुप्ता के मार्गदर्शन में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेक्टर 21 फतेहपुर के विद्यार्थियों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक कर बाल विवाह न करने की शपथ दिलाई गयी।
इस अवसर पर डीपीओ मीनाक्षी, संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी हेमा कौशिक और वन स्टॉप सेंटर हेड मीनू यादव सहित संबंधित विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।