Star Khabre, Faridabad; 08th October : शुक्रवार को सेक्टर-15 में रावण ने सीता का हरण उड़ते हुए पुष्पक विमान में किया और रावण ने जटायु से युद्ध भी लगभग 60 फीट ऊपर उड़ रहे पुष्पक विमान से ही किया। हवा में उड़ता पुष्पक विमान देख दर्शक रोमांचित हो उठे। शुक्रवार को सीता हरण दृश्य देखने के लिए काफी संख्या में लोग आए हुए थे। पूरा ग्राउंड खचाखच भरा हुआ था जिसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग सभी शामिल थे। शुक्रवार को रामलीला के प्रारंभ में दीप प्रज्जवलित करने केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर पहुंचे। श्री गुर्जर ने श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी के सदस्यों व कलाकारों की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
सेक्टर-15 की श्रद्धा रामलीला कमेटी के तत्वाधान में चल रही रामलीला में सीता हरण, जटायु वध का खूबसूरत मंचन किया गया। इसमें सीता की भूिमका निभा रही योगांधा वशिष्ठ व रावण की भूमिका में श्रवण चावला ने अपने उम्दा अभिनय से दर्शकों का मन जीत लिया। पहले दृश्य की शुुरुआत में पंचवटी में राम लक्ष्मण व सीता को दिखाया गया। वहीं रावण सीता हरण के लिए मामा मारीच संग षड्यंत्र रचता है। षड्यंत्र अनुसार मारीच ने सुनहरे हिरन का रूप ले लिया। सीता उसे देख कर मोहित हो गई। उन्होंने श्रीराम से उस हिरन का शिकार करने का अनुरोध किया। श्रीराम अपनी भार्या की इच्छा पूरी करने चल पड़े। लक्ष्मण से सीता की रक्षा करने को कहा। मारीच श्रीराम को बहुत दूर ले गया मौक़ा मिलते ही श्रीराम ने तीर चलाया। हिरण बने मारीच का वध कर दिया मरते-मरते मारीच ने ज़ोर से हे सीता! हे लक्ष्मण की आवाज़ लगाई। उस आवाज़ को सुन सीता चिन्तित हो गईं।
उन्होंने लक्ष्मण को भी श्रीराम के पास जाने को कहा। लक्ष्मण अपनी भाभी सीता को छोड़ जाना नहीं चाहते थे। लक्ष्मण ने कहा कि तेरे मस्तक की बिंदिया को मिटा ईश्वर नहीं सकता, तुम्हारी मांग की रोली मिटा इन्द्र नहीं सकता। तुम्हारा जो है जीवन धन वो है ब्रहा हर नहीं सकता, मेरे भईया का बाल भी बांका कोई कर नहीं सकता। इस पर सीता कहती हैं कि इधर मस्तक मेरे की कोई बिंदिया को मिटाता है, मिटाना मांग मेरी का कोई सिंदुर चाहता है, समझ भाई जिसे स्वामी सहायता को बुलाता है, इधर ये बुजदिल भाई खड़ा बातें बनाता है।
सीता की कड़वे वचन सुन लक्ष्मण भाभी का आदेश मान जाने को तैयार हो जाते हैं लेकिन लक्ष्मण जाने से पहले एक रेखा खींचते हैं और भाभी सीता को उसे पार न करने की विनती करते हैं। लक्ष्मण के जाने के पश्चात संन्यासी का वेष धारण कर रावण सीता के पास आया और उन्हें हरण कर ले गया। इस दौरान उड़ते हुए पुष्पक विमान के जरिए सीता का हरण दिखाया गया। इस पर सभी दर्शक खड़े होकर ताली बजाने लगे। जटायु का वध भी उड़ते हुए पुष्पक विमान से ही दिखाया गया। इसके बाद जटायु वध राम का विलाप देख दर्शकों की आंखें भर आई। राम शबरी मिलन और सुग्रीव का मिलन भी अंत में दिखाया गया।