Star khabre, Faridabad; 17th February : 38वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेला जहां शिल्पकारों के हुनर को विश्वभर में नई पहचान दे रहा है वहीं शिक्षण संस्थानों से लेकर देश-विदेश के कलाकारों को बेहतरीन सांस्कृतिक मंच भी प्रदान कर रहा है। इस मेले में जहां मुख्य चौपाल से शाम के समय विख्यात कलाकार बड़ा धमाल मचा रहे हैं वहीं बड़ी चौपाल पर विभिन्न देशों और राज्यों के लोक कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से पर्यटकों को अपनी संस्कृति और विरासत से रूबरू करवा रहे हैं। इनके अलावा छोटी चौपाल और नाट्यशाला में भी दिनभर मनमोहक सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित करवाई जा रही हैं।
इस बार का 38 वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला काफी अनोखा और आकर्षित करने वाला मेला है। विश्व के प्रसिद्ध मेलों में से एक सूरजकुंड मेला अब शिल्प के साथ-साथ सांस्कृतिक मंचों से भी अपनी अनूठी पहचान बना रहा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन और पर्यटन एवं विरासत मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा के नेतृत्व में मेला परिसर में पहली बार एक साथ चार मंचों पर सांस्कृतिक गतिविधियां लगातार आयोजित करवाई जा रही है। इनमें महा चौपाल पर आयोजित होने वाली सांस्कृतिक संध्या में प्रख्यात कलाकार दर्शकों का जहां मनोरंजन कर रहे हैं। वहीं बड़ी चौपाल भी देश के विभिन्न राज्यों और विदेशी कलाकारों की शानदार कार्यक्रमों से खूब सज रही है। छोटी चौपाल पर हरियाणवी लोक कलाकार हरियाणवी स्टाइल में अपना रंग जमा रहे हैं। इस बार नाट्यशाला में नन्हें कलाकारों को मंच प्रदान किया गया है।
निगम की पूरी टीम व्यवस्था प्रबंधन पर रख रही नजर :
हरियाणा पर्यटन निगम की प्रधान सचिव कला रामचंद्रन व प्रबंध निदेशक डा. सुनील कुमार की देखरेख में निगम के महाप्रबंधक आशुतोष राजन, डीजीएम यू.एस.भारद्वाज, एजीएम हरिवंद्र सिंह यादव और एजीएम राजपाल सिंह मेले से जुड़े हर पहलू पर फोकस करते हुए टीम सहित नियमित रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रमों व अन्य गतिविधियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उनका प्रयास है कि मेला में भागीदार देश विदेश के शिल्पकारों सहित आने वाले पर्यटकों को कला एवं संस्कृति की अद्भुत जानकारी हासिल हो पाए।
मुख्य चौपाल पर महाधमाल :
मेला परिसर में मुख्य चौपाल पर हर शाम को सांस्कृतिक स्वरूप देने के लिए सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें हर रोज देशभर में अपनी पहचान बना चुके गीतकार, अभिनेता और कलाकार अपनी गायकी और संगीत से बड़ा धमाल मचा रहे हैं। दर्शक देर रात्रि तक संगीत की दुनिया में झूमते रहते हैं।
बड़ी चौपाल पर विदेशी कलाकार जमा रहे रंग :
मेला परिसर में बड़ी चौपाल पर सुबह से शुरू होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम देर शाम तक आयोजित होते रहते हैं। इस मंच से विदेशी कलाकार अपनी वेशभूषा में अपने-अपने देश की संस्कृति और पारंपरिक नृत्य, गायन और वादन से पर्यटकों का मनोरंजन करते हैं। वहीं मेले के थीम स्टेट ओडिशा और मध्य प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों के कलाकारों के कार्यक्रम भी पर्यटकों को लुभा रहे हैं।
छोटी चौपाल पर हरियाणवी कलाकारों का धमाल
बात छोटी चौपाल की करें तो यह हरियाणवी कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियों से धमाल मचा रही है। इस चौपाल के मंच पर हरियाणवी कलाकार पारंपरिक वेशभूषा, गीतों और नृत्य की प्रस्तुतियों से दर्शकों के समक्ष समां बांधे रखते हैं। इसमें विभिन्न स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जा रही है।
नाट्यशाला छोटे कलाकारों को दे रही बड़ा मंच
मेला परिसर की नाट्यशाला भी छोटे कलाकारों को बड़ा मंच प्रदान कर रही है। नाट्यशाला में विभिन्न शिक्षण संस्थान के विद्यार्थी अनेक सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में शामिल होकर अपना बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। नाट्यशाला में विद्यार्थियों के लिए पेंटिंग, पोस्टर मेकिंग, गायन और नृत्य आदि स्पर्धाएं निरंतर आयोजित करवाई जा रही हैं। इन प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को अधिकारियों की ओर से प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित कर उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाता है।