Star Khabre, Faridabad; 19th July : जानलेवा हमले के मामले में न्यायालय ने सुनवाई करते हुए एसीपी दर्शनलाल मलिक और आईओ योगेश के खिलाफ विभागीय जांच करने के निर्देश दिए हैं। डिफैंस की ओर से पेश हुए वकील भूपेश जोशी के अनुसार न्यायालय ने मामले की जांच सही तरीके से न करने और आरोपियों को जबरन फंसाने के आरोप में एसीपी दर्शनलाल मलिक और आईओ के खिलाफ फैसला सुनाया है। उन्होंने बताया कि उनके मुव्वकिलों को न्यायालय ने सभी आरोपों से बरी कर दिया है। जबकि एसीपी दर्शनलाल मलिक और आईओ के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 2013 में शिकायतकर्ता मनीष बत्तरा ने पुलिस में शशि गुर्जर, गौतम भाटिया, सुनील नागपाल, नंदी, भूरा, कात्या सहित अन्य लोगों के खिलाफ जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज कराया था। इसकी जांच आईओ योगेश द्वारा की जा रही थी लेकिन बाद में मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच एसीपी मलिक को सौंप दी गई थी। इस मामले में न्यायालय ने पूरी सुनवाई के उपरांत अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को निर्दोष करार देते हुए उन्हें बरी कर दिया। जबकि मामले की जांच कर रहे एसीपी दर्शनलाल मलिक और आईओ योगेश के खिलाफ विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं। डिफैंस की ओर से पेश वकील भूपेश जोशी ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में सही ढंग से जांच नहीं की जिस कारण कोर्ट ने उनके खिलाफ यह फैसला सुनाया है। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने विभागीय जांच के आदेश की एक प्रति गृह मंत्रालय और एक प्रति पुलिस कमिश्रर कार्यालय में भी भेज दी है।