Star khabre, Chandigarh; 22nd March : चंडीगढ़ पुलिस ने नाके के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल में कुछ बदलाव किए हैं। अब पुलिस के जवान नाके पर बैरिकेडिंग के आगे नहीं, बल्कि उसके पीछे खड़े होंगे। चंडीगढ़/जीरकपुर बॉर्डर पर चंडीगढ़ पुलिस के कॉन्स्टेबल और होमगार्ड वॉलंटियर की मौत के बाद चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर ने आदेश दिए हैं कि तेज रफ्तार वाहन ड्राइवरों से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है।
वहीं, चंडीगढ़ पुलिस प्रशासन द्वारा सड़क हादसे में जान गंवाने वाले कॉन्स्टेबल सुखदर्शन और होमगार्ड वॉलंटियर राजेश के परिवार की आर्थिक सहायता के लिए सभी पुलिस कर्मचारियों से एक दिन की सैलरी देने के निर्देश जारी किए हैं। हालांकि, कई जवानों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है और सवाल उठाया कि इससे पहले हादसों में जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों के परिवारों को ऐसी आर्थिक मदद क्यों नहीं दी गई।
बलेनो गाड़ी को चेक कर रही थी पुलिस
पुलिस के मुताबिक, चंडीगढ़-जीरकपुर नाके पर कॉन्स्टेबल सुखदर्शन और वॉलंटियर राजेश ने चेकिंग के लिए बलेनो गाड़ी रोकी हुई थी। तभी अचानक पीछे से तेज रफ्तार पोलो कार आई। उसने बलेनो गाड़ी और नाके पर खड़े पुलिसवालों को टक्कर मार दी थी। इसके साथ गाड़ी ड्राइवर हल्लोमाजरा के रहने वाले गोविंद समेत गाड़ी में अंदर बैठे तीन नाबालिगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।
इस दौरान कार ड्राइवर भी पुलिस के साथ खड़ा था। टक्कर में तीनों लोग कार की चपेट में आ गए। पुलिस ने सुरक्षा के लिए नाके पर कंटीले तार लगाए हुए थे। तीनों उछलकर तारों में फंस गए और उनके शरीर के टुकड़े हो गए थे। पुलिस कर्मचारियों के हाथ और पैर तक अलग हो गए थे।
कॉन्स्टेबल की पत्नी भी पुलिस में
मृतक कॉन्स्टेबल सुखदर्शन की पत्नी रेनू भी चंडीगढ़ पुलिस में ही हैं। वह सेक्टर-19 पुलिस स्टेशन में तैनात हैं। वहीं, होमगार्ड राजेश पंजाब के गुरदासपुर के रहने वाले थे। वह सेक्टर-31 में ही रहते थे। इससे पहले वह ट्रैफिक पुलिस में पोस्टेड थे।
News Source : DainikBhaskar