Star khabre, Chandigarh; 9th December : चंडीगढ़ जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने प्ले स्टेशन से जुड़े एक मामले में सोनी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और चंडीगढ़ स्थित उत्पाद विक्रेता को दोषी ठहराते हुए आदेश दिया कि वे शिकायतकर्ता को 64 हजार 560 रुपए 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर के साथ वापस लौटाएं। साथ ही मानसिक पीड़ा के लिए 5 हजार और केस खर्च के तौर पर 5 हजार रुपए अतिरिक्त देने के निर्देश दिए गए हैं।
जानें क्या है पूरा मामला
मोहाली फेस-11 निवासी अलौकिक रतन शर्मा और सुनीता शर्मा ने आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने सोनी ब्रांड के एक प्ले स्टेशन में गड़बड़ी की शिकायत की थी। उनका आरोप था कि प्ले स्टेशन खरीदने के बाद गेम खेलते समय यह अटकने लगा और बार-बार क्रैश हो रहा था। इस समस्या को लेकर शिकायतकर्ता ने 13 अप्रैल 2023 को सोनी के सेवा केंद्र से संपर्क किया था।
सेवा केंद्र ने डिवाइस का निरीक्षण किया और दावा किया कि गेम खेलते समय डिवाइस सामान्य रूप से कार्य कर रहा था। उन्होंने यह भी कहा कि गेम खेलते समय वीडियो रिकॉर्डिंग की गई, जिसमें कोई समस्या नहीं दिखी। लेकिन शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि सेवा केंद्र ने कोई संतोषजनक समाधान नहीं दिया और डिवाइस को अपने कब्जे में रख लिया।
आयोग का फैसला
सभी पक्षों की दलीलें सुनने और तथ्यों की जांच करने के बाद आयोग ने कहा कि उत्पाद को अपने कब्जे में रखना और राशि वापस न करना सेवा में कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार को दर्शाता है। आयोग ने यह भी पाया कि प्ले स्टेशन अब निर्मित नहीं हो रहा है, इसलिए रिफंड का आदेश देना ही उचित है।
शिकायतकर्ता का तर्क
शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने सोनी ब्रांड पर भरोसा करते हुए यह प्ले स्टेशन खरीदा था। लेकिन उत्पाद में गड़बड़ी और विक्रेता की निष्क्रियता के कारण उन्हें अनावश्यक मुकदमेबाजी में फंसना पड़ा।
आयोग के निर्देश
आयोग ने सोनी इंडिया और विक्रेता को निर्देश दिया कि शिकायतकर्ता को 64,560 रुपए की राशि 9% ब्याज दर के साथ लौटाई जाए। इसके अलावा, मानसिक पीड़ा के लिए 5 हजार और केस खर्च के लिए 5 हजार रुपए अतिरिक्त दिए जाएं।
News Source : DainikBhaskar