Star khabre, Chandigarh; 20th March : चंडीगढ़ पुलिस प्रशासन द्वारा सड़क हादसे में जान गंवाने वाले कॉन्स्टेबल सुखदर्शन और होमगार्ड वॉलंटियर राजेश के परिवार की आर्थिक सहायता के लिए सभी पुलिस कर्मचारियों से एक दिन की सैलरी देने के निर्देश जारी किए हैं। हालांकि, कई जवानों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है और सवाल उठाया कि इससे पहले हादसों में जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों के परिवारों को ऐसी आर्थिक मदद क्यों नहीं दी गई।
नियम सभी के लिए हो बराबर
चंडीगढ़ पुलिस के ग्रुप में एक लेटर काफी वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा है, “निवेदन है कि जो मैसेज एक दिन की तनख्वाह काटने का डाला गया है, मैं इससे सहमत नहीं हूं। क्योंकि पहले भी कई मुलाजिमों की ऑन ड्यूटी डेथ हुई, उनमें ऐसी नीति नहीं बनाई गई है। कृपया सभी के लिए समान नीति बनाई जाए। जो पहले 500-500 रुपए काटने के बारे में बोला गया था, मुझे उसमें कोई एतराज नहीं है।”
जो न देना चाहे, करवाए आपत्ति दर्ज
14 मार्च को ड्यूटी पर तैनात कॉन्स्टेबल सुखदर्शन और होमगार्ड वॉलंटियर राजेश की चंडीगढ़/जीरकपुर बैरियर पर सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इस घटना के बाद चंडीगढ़ पुलिस विभाग ने सभी कर्मचारियों से सहयोग राशि देने की अपील की।
आदेश में कहा गया कि यह धनराशि पुलिस वेलफेयर फंड के तहत पीड़ित परिवार को दी जाएगी। साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर कोई पैसे न कटवाना चाहता है, तो उस पर कोई जबरदस्ती नहीं है। अपनी आपत्ति अपने संबंधित विभाग के अफसर को दर्ज करवा सकता है।
हर महीने कटते हैं 300 रुपए
पुलिस जवानों का कहना है कि हर महीने उनकी सैलरी से 300 रुपए वेलफेयर फंड के लिए काटे जाते हैं। ऐसे में अब अतिरिक्त एक दिन की सैलरी देने का दबाव क्यों बनाया जा रहा है? उनका कहना है कि यदि आर्थिक सहायता जरूरी है, तो यह सभी ऐसे मामलों में लागू होनी चाहिए, न कि सिर्फ चुनिंदा मामलों में।
वॉट्सऐप ग्रुप में जवानों ने जताई नाराजगी
इस आदेश के बाद पुलिस के वॉट्सऐप ग्रुप में जवानों ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब पहले भी पुलिसकर्मी अलग-अलग हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं, तब उनके परिवारों को आर्थिक मदद क्यों नहीं दी गई? कुछ जवानों ने इस आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि कोई दान नहीं देना चाहता, तो उससे जबरन राशि नहीं ली जानी चाहिए।
News Source : DainikBhaskar