Star khabre, Chandigarh; 23rd April : चंडीगढ़ में इंडस्ट्रियल एरिया स्थित संजय कॉलोनी में बुधवार को प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की। करीब 1 हजार झुग्गियों पर बुलडोजर चला और लोग अपने सामान के साथ बेघर होते नजर आए।
कार्रवाई से एक दिन पहले मंगलवार को ही लोग रिक्शों, ऑटो और रेहडिय़ों में अपना सामान समेटते दिखे। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक असहाय हालात में मिले। प्रशासन की टीम के साथ भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा, ताकि विरोध को नियंत्रित किया जा सके।
सिर पर सामान और जुबां पर सवाल लिए लोग जाते दिखे, दोपहर में पारा भी 38 डिग्री पार हो गया, लेकिन लोगों के सिर पर घर का सामान था और आंखों में घर छिनने की पीड़ा। महिलाओं ने बताया कि उनके परिवार की कई पीढ़ियां यहीं रहीं और अब एक झटके में बेघर कर दिया गया।
दुर्गा नाम की महिला ने बताया कि उसके बच्चे यहीं पैदा हुए, शादियां यहीं हुईं, अब उनके बच्चे भी यहीं रहते हैं, लेकिन अब कोई ठिकाना नहीं बचा।
किराए के मकानों की ओर पलायन
लोग मजबूरी में मलोया, हल्लोमाजरा, मौलीजागरां और दड़वा की ओर रुख कर रहे हैं, लेकिन किराया एक बड़ी चुनौती बन गया है। प्रवीण नामक व्यक्ति ने बताया कि उसे हल्लोमाजरा में 4 हजार रुपए में एक छोटा कमरा मिला है, जबकि दुर्गा ने मलोया में 10 हजार रुपए महीने किराए पर दो कमरे लिए हैं।
विजय ने कहा कि उनके दस्तावेज पूरे हैं, फिर भी प्रशासन उन्हें पक्के मकान देने से इनकार कर रहा है। एक युवक ने तो गुस्से में अपने डॉक्यूमेंट फाड़कर वहीं फेंक दिए। उनका कहना था कि पहले कॉलोनी नंबर-4 से हटाकर उन्हें यहां बसाया गया था, अब यहां से भी बेदखल कर दिया गया।
मकान तो छूटा ही, अब लोगों को डर है कि बच्चों का स्कूल भी छूट जाएगा। जो लोग मलोया जा रहे हैं, उन्हें बच्चों को नए स्कूलों में शिफ्ट करना पड़ेगा। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि चुनावों में नेता वादा करते हैं कि कोई बेघर नहीं होगा, लेकिन अब कोई नेता सामने नहीं आ रहा।
प्रशासन की सख्ती जारी रहेगी
चंडीगढ़ प्रशासन ने साफ किया है कि झुग्गियों के खिलाफ यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। बुधवार को अभियान शुरू करने से पहले बिजली काटी और पूरी कार्रवाई में DC ऑफिस, SDM, नगर निगम और इंजीनियरिंग विभाग के अफसर मौजूद है।
प्रशासन के अनुसार, धनास, मलोया, मौलीजागरां समेत कई जगहों पर 24 हजार से ज्यादा फ्लैट बनाए गए हैं, जिनमें करीब 19 हजार परिवारों को बसाया जा चुका है। धनास में बनी सबसे बड़ी रिहैबिलिटेशन हाउसिंग में ही करीब 8800 मकान दिए गए हैं।
चंडीगढ़ मास्टर प्लान 2031 के अनुसार शहर की 18 प्रमुख कॉलोनियों में से अब अधिकांश हटाई जा चुकी हैं। संजय कॉलोनी हटने के बाद केवल सेक्टर 25 की जनता कॉलोनी ऐसी जगह बची है, जहां बड़ी संख्या में झुग्गियां मौजूद हैं। प्रशासन का लक्ष्य चंडीगढ़ को ‘स्लम फ्री सिटी’ बनाना है।
News Source : DainikBhaskar