Star khabre, Chandigarh; 24th January : चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जज को पर्यवेक्षक नियुक्त करने के आदेश दिए हैं। शुक्रवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला सुनाया। आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और मौजूदा मेयर कुलदीप कुमार ने याचिका दायर कर चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की मांग की थी।
उन्होंने हाथ उठाकर मतदान कराने की मांग करते हुए कहा कि पिछली बार हुए मेयर चुनाव में चुनाव अधिकारी ने हेराफेरी कर BJP को जिताया था।
कुलदीप सिंह की वकील फैरी सोफत ने बताया कि शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 जनवरी 2025 की तारीख तय की है। 30 जनवरी को मेयर चुनाव के लिए वोटिंग होगी। कल नामांकन प्रक्रिया का आखिरी दिन है।
प्रस्ताव का हवाला देकर हाईकोर्ट गई थी AAP
इससे पहले यह मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंचा था। हाईकोर्ट में उन्होंने बताया था कि नगर निगम में 29 अक्टूबर को प्रस्ताव पारित किया गया था कि मेयर का चुनाव हाथ उठाकर होगा। कोर्ट ने कहा कि प्रशासन इस पर दोबारा विचार करे, क्योंकि प्रस्ताव पारित हो चुका है। प्रशासन ने अभी तक इसे मंजूरी नहीं दी है। इसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए।
दूसरी चुनौती उन्होंने 24 जनवरी को चुनाव करवाने को लेकर दी थी। तब कोर्ट ने 29 जनवरी तक चुनाव कराने के आदेश दिए थे।
BJP उम्मीदवार घोषित कर चुकी
मेयर पद के लिए BJP ने हरप्रीत कौर बबला को उम्मीदवार बनाया है, जबकि सीनियर डिप्टी मेयर बिमला दुबे और डिप्टी मेयर पर लखबीर सिंह बिल्लू के नाम तय किए गए हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। मेयर का पद AAP और सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का पद कांग्रेस को मिलेगा। मेयर पद के लिए AAP की 6 महिला पार्षदों ने अपनी दावेदारी पेश की है।
टिकट की दौड़ में प्रेम लता, जसविंदर कौर व अंजू कत्याल सबसे आगे चल रही हैं, जबकि कांग्रेस से सीनियर डिप्टी मेयर पद के लिए जसबीर सिंह बंटी और डिप्टी मेयर के लिए तरुणा मेहता का नाम घोषित हुआ है।
पिछले मेयर इलेक्शन में चुनाव अधिकारी की गड़बड़ी से BJP जीती
इससे पहले 2023 में मेयर का चुनाव हुआ था। तब AAP–कांग्रेस को बहुमत था। तब चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने गड़बड़ी करते हुए AAP–कांग्रेस के 8 पार्षदों के वोट इनवैलिड करार दे दिया था। जिससे AAP के मेयर उम्मीदवार कुलदीप कुमार चुनाव हार गए। फिर भाजपा के 13 पार्षद, सांसद और अकाली दल के वोट को मिलाकर 16 वोट पाने वाले भाजपा के मनोज सोनकर को विजेता करार दे दिया।
इसके खिलाफ AAP सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। कोर्ट ने चुनाव के वक्त की CCTV फुटेज देखी तो चुनाव अधिकारी अनिल मसीह AAP–कांग्रेस के पार्षदों के वोट पर निशान लगाते मिले। कोर्ट ने माना कि मसीह ने जानबूझकर वोट खराब किए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा मतगणना के लिए कहा, जिसमें इनवैलिड करार वोटों की गिनती के भी आदेश दिए। इसके बाद AAP के कुलदीप कुमार मेयर बन गए।
News Source : DainikBhaskar