Star khabre, Haryana; 25th october : कस्बा बाढड़ा में गत 27 अगस्त को हुए मॉब लिचिंग मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। बाढड़ा के गांव हंसावास खुर्द की झुग्गियों से लिए गए नमूने की रिपोर्ट आ गई है। फरीदाबाद लैब से बाढड़ा पुलिस के पास पहुंची रिपोर्ट में इसे संरक्षित पशु का मांस नहीं बताया गया है। डीएसपी भारत भूषण ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा जल्द ही कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा।
बता दें कि प्रतिबंधित पशु का मांस पकाने के अंदेशे में 27 अगस्त को बाढड़ा में पश्चिम बंगाल निवासी युवक साबिर मलिक की हत्या की गई थी। उसका शव हंसावास खुर्द के समीप बरामद हुआ था। मामले के तूल पकड़ने पर पुलिस द्वारा हत्यारोपियों को काबू किया था। हंसावास खुर्द के समीप बनी प्रवासी श्रमिकों की झुग्गियों के बर्तनों से बरामद मांस के नमूने लेने के लिए भी एक टीम पहुंची थी। तत्कालीन थाना प्रभारी जयबीर की मौजूदगी में मांस के नमूने लेकर जांच के लिए फरीदाबाद लैब में भेजा गया था। उक्त नमूने की रिपोर्ट अब पुलिस के पास आ गई है। इसमें बर्तनों में मिले मांस को संरक्षित पशु का नहीं बताया गया है। जेएनयू छात्र संघ व कम्युनिस्ट प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने 15 सितंबर को तीन घंटे तक कस्बे व साथ लगते गांव हंसावास खुर्द की झुग्गियों का दौरा कर 27 अगस्त के प्रकरण की जानकारी हासिल की थी। जेएनयू टीम ने निरीक्षण के दौरान हत्याकांड की विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार की थी।
बाढड़ा डीएसपी भारत भूषण ने बताया कि साबिर मलिक हत्याकांड में पुलिस द्वारा 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 6 आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी है। उन्होंने बताया कि फरीदाबाद लैब से मांस के लिए गए नमूने की रिपोर्ट आ गई है। जिसमें संरक्षित पशु का मांस नहीं मिला है। जल्द ही मामले को लेकर कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा।
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